
'तमिल को हिंदी की तरह बनाएं राजभाषा', पीएम मोदी के सामने सीएम स्टालिन ने मंच से उठाया मुद्दा
नई दिल्ली, 26 मई। चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पीएम मोदी के सामने तमिल के राजभाषा बनाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हिंदी की तरह तमिल को भी आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए। सीए स्टालिन ने मंच यह भी कहा कि मद्रास हाईकोर्ट में तमिल भाषा का प्रयोग लागू होना चाहिए।

लंबे डीएमके (DMK) तमिलननाडु में तमिल को 'आधिकारिक और प्रशासनिक' भाषा का दर्जा देने की मांग कर रही है। सीएम एमके स्टालिन ने यहा मांग फिर से दोहराई है। उन्होंने पीएम मोदी के सामने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में अपने संबोधन में आग्रह किया कि तमिल को सरकार और न्यायालय की भाषा के रूप में मान्यता दी जाए।
पूर्व में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सत्ता केंद्र में थी तब तमिल को 'शास्त्रीय भाषा' दर्जा दिया गया था। वहीं पीएम मोदी ने भी गुरुवार को अपने संबोधन में तमिल भाषा को 'शाश्वत' बताया।
वहीं सीएम स्टालिन ने हाल ही में राज्य विधानसभा में एक विधेयक पारित होने के बाद तमिलनाडु को राष्ट्रीय चिकित्सा प्रवेश परीक्षा NEET से छूट देने की बात कही। इससे लिए उन्होने केंद्र से भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (NIIT) से छूट देने संबंधी तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित विधेयक पर पीएम के सामने केंद्र की ओर से स्वीकार करने की मांग पर जोर दिया।
बुधवार का दिन तमिलनाडु के लिए सौगातों वाल दिन रहा। चेन्नई पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच रेवले स्टेशन के पुनर्विकास का शिलान्यास किया है। चेन्नई, एग्मोर, रामेश्वरम, मदुरै, कन्याकुमारी और कटपड़ी रेलवे स्टेशनों को 1800 करोड़ की लागत से आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। पीएम ने इसके अलावा 116 करोड़ रूपए से निर्मित प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के तहत चेन्नई लाइट हाउस प्रोजेक्ट निर्मित 1152 मकानों का भी उद्घाटन किया। वहीं प्रधानमंत्री ने 2,960 करोड़ रुपये की लागत से तैयार पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस मौके पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन मौजूद रहे।