सीएम केजरीवाल ने केंद्र के इस फैसले पर जताया ऐतराज, पूछा- मरीज को लाइन में क्यों खड़ा करना चाहती है सरकार?
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है, स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 70 हजार के पार पहुंच गई है वहीं, अब तक 2365 लोगों की मौत हो चुकी है। महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार ने कोरोना रोगियों के हेल्थ असेसमेंट के लिए कोविड केयर सेंटरों पर जाने का आदेश का विरोध करते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने केंद्र से पूछा है कि सरकार ज्यादा बुखार वाले मरीज को लाइन में क्यों खड़ा करना चाहती है?
बता दें कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए सभी कोरोना रोगियों को हेल्थ असेसमेंट के लिए कोविड केयर सेंटरों पर जाने का आदेश जारी किया था। इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के फैसले को पलटते हुए सभी कोरोना मरीजों को होम क्वारंटाइन में ना रखकर सरकारी आइसोलेशन वार्डों में रखने का निर्देश जारी किया था। हालांकि दिल्ली सरकार के विरोध के बाद एलजी ने अपना फैसला वापस ले लिया था।
Central govt has issued an order mandating COVID-19 patients to visit Covid care centers for health assessment. Why does the govt want to make a patient with high fever stand in the line? I urge the govt to roll back the order: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal pic.twitter.com/hoULIsDPpn
— ANI (@ANI) June 24, 2020
बुधवार को सीएम केजरीवाल ने केंद्र के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि कोरोना रोगियों का हेल्थ असेसमेंट के लिए कोविड केयर सेंटरों पर जाना सुरक्षित नहीं है इससे संक्रमण फैसले का खतरा बढ़ सकता है। सीएम केजरीवाल ने कहा, सरकार ज्यादा बुखार वाले मरीज को लाइन में क्यों खड़ा करना चाहती है? मैं सरकार से इस आदेश को वापस लेने का आग्रह करता हूं। सीएम केजरीवाल ने बताया कि इससे पहले दिल्ली सरकार के नियमों के अनुसार डॉक्टर हेल्थ असेसमेंट के लिए कोरोना मरीजों के घर जा रहे थे। इसके अलावा उन्होंने मीडिया को जानकारी देते कहा, दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों में जितने मरीज भर्ती हो रहे हैं लगभग उतने ही डिस्चार्ज भी हो रहे हैं। ये अच्छा संकेत हैं। अभी 6 हजार बेड्स खाली है लेकिन फिर भी हम बेड्स की संख्या और बढ़ा रहे हैं।