दिल्ली में कोरोना वायरस को रोकेगी सीएम केजरीवाल की 'निगरानी समिति टीम', जानिए क्या होगा काम
नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले 1 लाख से अधिक होने के बाद अब अरविंद केजरीवाल सरकार ने महामारी के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी है। दिल्ली के उन इलाकों में जहां अभी तक कोरोना वायरस के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं, वहां महामारी को रोकने के लिए अब दिल्ली सरकार एक टीम बनाएगी जो निगरानी प्रणाली का काम करेगी। निगरानी समिति के रूप में जानी जाने वाली प्रत्येक टीम का गठन ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान और स्थानीय निवासियों और शहरी क्षेत्रों में आरडब्ल्यूए सदस्यों के साथ किया जाएगा।
निगरानी समिति टीम का गठन
गौरतलब हैं कि दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है, भारत दुनिया में संक्रमण की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। महामारी को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार जरूरी कदम उठा रही हैं, इसी दिशा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में निगरानी समिति टीम का गठन करने का फैसला किया है। यह टीमें शारीरिक रूप से कमजोर, बुजुर्ग और मौजूदा बीमारियों से पीड़ित लोगों की पहचान करेगी जिन्हें महामारी से अधिक खतरा है।
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कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने की कवायद
कोरोना पॉजिटिव मामलों में एक सप्ताह से अधिक समय तक स्थिर रहने और नए मामलों की दर गिरने के साथ, केजरीवाल सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आती रहे। विशेष रूप से आर्थिक गतिविधियों के धीरे-धीरे फिर से शुरू होने के कारण कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। दिल्ली सरकार के संशोधित कोरोना मैनेजमेंट के मुताबिक उन इलाकों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा जहां कोरोना मरीज नहीं हैं। निगरानी समिति टीम का गठन और कल्याण संघों की भागीदारी इस महामारी के खिलाफ उठाए गए कदमों में से एक है।
निगरानी समिति टीम ऐसे करेगी काम
बता दें कि दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले, जिसमें 77 गांव और एक विशाल ग्रामीण बेल्ट हैं यहां वायरस पर नजर रखने के लिए गांवों के प्रमुखों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक 'ग्राम प्रधान और अन्य प्रमुख निवासी आमतौर पर गांव के अधिकांश लोगों, उनकी उम्र और चिकित्सा इतिहास को जानते हैं। ऐसे लोग कोविड-19 पर एक प्रभावी निगरानी रखने में अधिकारियों की मदद कर सकते हैं। कम से कम पांच जिलों के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि निगरानी समिति टीम बनाने पर काम शुरू हो गया है।
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