केरल के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने NPR लागू करने से किया इनकार
भोपाल। देशभर में एनआरसी और सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच कई राज्यों ने एनपीआर को लागू नहीं करने का फैसला किया है। केरल के बाद अब मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने देश में एनपीआर को लेकर पैदा ही संदेह की स्थिति को देखते हुए मध्य प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं करने का फैसला लिया है।
Recommended Video
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि एनपीआर की नोटिफिकेशन को दिसंबर 2019 में जारी किया गया है। नागरिकता संशोधन कानून इसके बाद आया है, ऐसे में यह अधिसूचना सीएए से संबद्ध नहीं है। इसके अलावा सीएम कमलनाथ की ओर से इस संबंध में एक स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा गया है कि एनपीआर को मध्य प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं की गई है। राज्य में जारी एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम-1955 की नियमावली 2003 के नियम 3 के तहत है। लेकिन बावजूद इसके सरकार ने तय किया है कि फिलहाल प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।
महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के ही समर्थन से बनी महा अघाड़ी सरकार ने अपने यहां एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। 14 फरवरी को उद्धव सरकार ने कहा था कि आगामी 1 मई से प्रदेश में एनपीआर की प्रक्रिया को शुरू कराया जाएगा। उद्धव ठाकरे ने यह ऐलान करते हुए प्रदेश के सभी अधिकारियों को इस संबंध में तैयारी करने के लिए कहा है।
लखनऊ: CAA के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता गिरफ्तार