असम: CM हिमंत बिस्वा की मुस्लिमों से अपील, कम जनसंख्या से खत्म होगी गरीबी, अपनाएं परिवार नियोजन
दिसपुर, 10 जून। भारत में पिछले दस वर्षों में बढ़ी जनसंख्या का पता लगाने के लिए साल 2021 में जनगड़ना होनी थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते फिलहाल इसे टाल दिया गया है। इस बीच एक विशेष समुदाय की जनसंख्या पर टिप्पणी करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भूमि अतिक्रमण जैसे 'सामाजिक खतरों' को हल किया जा सकता है यदि अप्रवासी मुसलमान परिवार नियोजन मानदंड का पालन करे और अपनी आबादी को नियंत्रित करें।
आपको बता दें कि असम में 2 मई, 2021 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आज हिमंत बिस्वा सरमा सरकार को 30 दिन पूरे हो गए हैं। इस मौके पर उन्हों मुसलमानों से जनसंख्या नियंत्रण पर अपील की। उन्होंने कहा कि समुदाय के सभी हितधारकों को आगे आकर गरीबी को कम करने में सरकार का समर्थन करना चाहिए। यह समस्या मुख्य रूप से निरंतर जनसंख्या में हो रही वृद्धि के कारण हो रहा है। सरमा ने कहा कि सरकार मंदिर, सतरा और वन भूमि पर अतिक्रमण नहीं होने दे सकती है।
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हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि राज्य सरकार गरीब लोगों की संरक्षक है लेकिन हमें, जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे से निपटने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन की आवश्यकता है। पॉपुलेशन होने से राज्य में गरीबी, अशिक्षा और उचित परिवार नियोजन की कमी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि असम सरकार समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में कार्य करेगी, ताकि गरीबी की समस्या से निपटा जा सके। आपको बता दें कि मध्य और निचले असम के बंगाली भाषी मुसलमानों को बांग्लादेश से अप्रवासी मुसलमान माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा का मेन मोटिव असम के स्वदेशी समुदायों को उनके खिलाफ बचाने का रहा था।