श्रमिक ट्रेन में किराया लेने पर नाराज हुए CM हेमंत सोरेन, कहा- मजदूरों के साथ हो रहा अन्याय
नई दिल्ली: कोरोना की वजह से पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से लॉकडाउन जारी है। जिस वजह से लाखों की संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे थे। जिनको राहत देते हुए गृह मंत्रालय ने कुछ स्पेशल ट्रेन सशर्त चलाने की अनुमति दे दी है। इन ट्रेनों से मजदूरों को वापस ले जाने पर किराया भी वसूला जाएगा। जिस पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपत्ति जताई है। साथ ही केंद्र सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
रेलवे के फैसले पर हेमंत सोरेन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये वाकई दुखद है। केंद्र सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। आपदा की इस घड़ी में अपने घर वापस लौट रहे श्रमिक साथियों के साथ यह अन्याय है। आपको बता दें कि सबसे पहले रेलवे ने झारखंड के मजदूरों के लिए शुक्रवार को स्पेशल ट्रेन चलाई थी, जो हैदराबाद से चलकर हटिया पहुंची थी। इस ट्रेन के 24 डिब्बों में 1200 मजदूरों को बैठाया गया था।
रेलवे
वसूलेगा
किराया
कोविड-19
महामारी
के
कारण
लागू
देशव्यापी
लॉकडाउन
के
कारण
देशभर
में
जहां-तहां
फंसे
प्रवासी
मजदूरों
को
ट्रेन
से
उनके
गृह
राज्यों
तक
पहुंचाने
का
किराया
रेलवे
राज्य
सरकारों
से
वसूलेगा।
जिस
ट्रेन
से
प्रवासी
मजदूरों
को
भेजा
जाएगा
उसे
श्रमिक
स्पेशल
नाम
दिया
गया
है।
इसमें
सफर
करने
के
किराए
में
स्लीपर
क्लास
के
टिकट
मूल्य,
30
रुपये
का
सुपरफास्ट
शुल्क
और
20
रुपये
भोजन-पानी
के
शामिल
होंगे।
रेलवे
ने
लोगों
से
की
अपील
पश्चिम
रेलवे
की
ओर
से
किये
गये
एक
ट्वीट
में
कहा
गया
है
कि
सभी
लोग
स्टेशन
ना
आएं।
सिर्फ
वही
लोग
आएं
जो
लोग
रजिस्टर्ड
हैं
और
जिन्हें
उनके
राज्य
सरकार
से
अनुमति
मिली
है।
पश्चिम
रेलवे
की
ओर
से
किये
गये
ट्वीट
में
कहा
गया
है
कि
'कृपया
ध्यान
दें
-विशेष
ट्रेनें
राज्य
सरकारों
द्वारा
रजिस्टर्ड
तथा
नामित
व्यक्तियों
के
लिए
ही
प्लान
की
जा
रही
हैं।
कोई
भी
व्यक्ति
किसी
भी
कारण
से
रेलवे
स्टेशनों
पर
नहीं
आए।
किसी
को
भी
व्यक्तिगत
रूप
से
रेल
टिकट
नहीं
दिए
जाएंगे
और
ना
ही
कोई
व्यक्तिगत
अनुरोध
स्वीकार
किया
जाएगा।
वहीं
गंतव्य
तक
पहुंचने
के
बाद
सभी
को
होम
क्वारंटाइन
किया
जाएगा।