पीयूष गोयल सफेद झूठ बोल रहे हैं, हमने 10 नहीं 30 ट्रेनें मांगी हैं: भूपेश बघेल
नई दिल्ली। लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों को अपने अपने राज्य पहुंचाने के लिए रेल सेवा शुरु भले ही शुरू हो गई हो, लेकिन केंद्र और राज्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने श्रमिकों के लिए पर्याप्त ट्रेन नहीं चलने पर राज्यों को दोष दिया है। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेलमंत्री के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि, हमने 10 नहीं 30 ट्रेनें मांगी हैं। और हमें अब तक सिर्फ 14 मिली हैं।
सीएम भूपेश बघेल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि छत्तीसगढ़ की ओर से 30 ट्रेनों की अनुमति मांगी गई है और हमें अब तक सिर्फ 14 मिली हैं। ट्रेनों के लिए हम क़रीब 1.17 करोड़ का भुगतान भी रेलवे को कर चुके हैं।रेलवे या किसी राज्य की ओर से कोई प्रस्ताव हमारे पास लंबित नहीं है। केंद्रीय रेल मंत्री जी आपका बयान तथ्यहीन और आधारहीन है। इसके आलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों के पलायन और ट्रेन न चलाने की इजाजत देने पर केंद्र सरकार के आरोपों का खंडन किया है। हेमंत सोरेन ने कहा है कि रेल मंत्री को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, हर चीज पर राजनीति करना भाजपा और केंद्र की आदत बन गई है। झारखंड सरकार ने 110 गाड़ियों के लिए एनओसी दी है। लगभग 50 ट्रेनों ने अब तक 60,000 प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया है। लाखों प्रवासी श्रमिक पैदल चल रहे हैं लेकिन केंद्रीय सरकार के पास उन्हें अपने घरों में भेजने की कोई व्यवस्था नहीं है। केंद्रीय सरकार सिर्फ इस मुद्दे पर राजनीति खेल रही है।
बता दें कि, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों की अनुमति को लेकर एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि रेलवे रोजाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राज्यों जैसे प.बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों को अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है।
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