पंजाब: CM अमरिंदर का ऐलान- आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजन को देंगे सरकारी नौकरी
नई दिल्ली। Farmers Protest: नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर हजारों की संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन (kisan andolan) को दो महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी कृषि कानूनों पर कोई बीच का रास्ता नहीं निकाला जा सका है। उत्तर भारत में सर्दी का सितम भी जारी है, ऐसे में खुले आसमान के नीचे रात बिताने वाले कई किसानों ने ठंड से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी। आंदोलन के दौरान किसानों की मौत पर दुख जताते हुए पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने आज बड़ा ऐलान किया है।
कृषि कानूनों पर शुक्रवार को सीएम अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, 'क्या इस देश में एक संविधान है? कृषि अनुसूची 7 के तहत यह एक राज्य का विषय है। केंद्र ने संसद में चर्चा के बिना इसे क्यों बदल दिया? उन्होंने इसे लोकसभा में पारित कर दिया क्योंकि वे अधिक सदस्य थे राज्यसभा में, यह अराजकता में पारित किया गया क्योंकि उन्हें लगा कि चीजें गलत हो सकती हैं।' बता दें कि इससे पहले भी कई बार अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों को सरकार का एकतरफा फैसला बताया है।
Is there a Constitution in this country?Agriculture is a state subject under Schedule 7.Why did Centre change it without discussion in Parliament?They passed it in Lok Sabha as they'd more members. In Rajya Sabha,it was passed in chaos as they sensed things can go wrong:Punjab CM https://t.co/O4OA75ob2Z
— ANI (@ANI) January 22, 2021
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इस बीच किसानों की मौत पर दुख जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने इस आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, 'मुझे रिपोर्ट मिली कि दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 76 किसानों का निधन हो चुका है। मैं घोषणा करता हूं कि इनमें से जो पंजाब से हैं उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे।' बता दें कि कृषि कानून को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच आज किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही।