देश में पानी के संकट को सुलझाने में मदद करेगा भारत का यह करीबी दोस्त
नई दिल्ली। देश में पानी का संकट इस समय बड़ी समस्या बना हुआ है। कई हिस्से पानी की कमी तो कई हिस्सों में सूखे की स्थिति है। मॉनसून के बेहतर न होने से समस्या और विकट हो सकती है। इन सबके बीच ही खबर आई रही है कि भारत के एक करीबी दोस्त इस समस्या से निबटने के लिए मदद का प्रस्ताव दिया है। यह देश पानी के प्रबंधन और डिसर्टिफिकेशन में दुनिया का बादशाह है। यह देश कोई और नहीं बल्कि इजरायल है।
पीएम मोदी ने बनाया नया मंत्रालय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पानी के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है। पीएम मोदी ने वादा किया है कि वह साल 2024 तक देश के गांव के हर घर में पानी पहुंचाएंगे। इजरायल दुनिया का वह देश है जिसका 60 प्रतिशत हिस्सा रेगिस्तान है और बाकी 20 प्रतिशत हिस्सा सूखा है। इसके बाद भी इजरायल ने कई उपायों को अपनाकर पानी के संकट को दूर किया है। डिसर्टिफिकेशन के जरिए इजरायल ने खेती, सिचाईं, मछली पालन, पेड़ लगाने और जल संसाधनों की मदद से कई उपायों को अपनाया है। 20 प्रतिशत जमीन बंजर होने के बाद भी इजरायल ने खेती में नया मुकाम हासिल किया है।
दुनिया में वॉटर मैनेजमेंट लीडर
इजरायल डेजर्ट टेक्नोलॉजी और डिसर्टिफिकेशन में दुनिया का नंबर वन देश है। भारत में इजरायल के राजदूत डॉक्टर रॉन मल्का की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'भारत के साथ हमारी साझादारी लगातार बढ़ रही है और इजरायल साथ में मिलकर अपने अनुभवों को साझा करना चाहता है। डिसर्टिफिकेशन के खिलाफ लड़ाई में हम अपनी टेक्नोलॉजी भारत के साथ साझा करना चाहते हैं जिसमें वॉटर मैनेजमेंट और सिक्योरिटी में हमारी रणनीति साझेदारी भी शामिल होगी।' सरकार की ओर से हालांकि इस बात पर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है कि पानी के संकट से कैसे निबटा जाएगा लेकिन यह जरूर कहा गया हे कि अगले पांच वर्षों में देश के गांवों में पानी की कमी को हर हाल में दूर किया जाएगा।
इजरायली एजेंसी देगी ट्रेनिंग
इजरायली राजदूत का बयान 17 जून को होने वाले वर्ल्ड डे टू कॉम्बेट डिसर्टिफिकेशन (मरुस्थलीकरण) पर आया है। इस दिन का मकसद लोगों में सूखे के खिलाफ जागरूकता को पैदा करना है। इजरायली राजदूत का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि देश के कई हिस्से इस समय सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं। इजरायल के दूतावास की ओर से जारी बयान के मुताबिक देश की एजेंसी मशाव ने आपसी सहयोग और मदद के लिए खास जोर दिया है। मशाव, इजरायल की वह इंटरनेशनल एजेंसी है जिसने सूखे और मरुस्थलीकरण के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका अदा की है। इस एजेंसी ने ट्रेनिंग के अलावा कैपिसिटी बिल्डिंग, ट्रेनिंग, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट और रिसर्च पर खासा ध्यान दिया है।
मौसम की चुनौतियां
मशाव के पास इजरायल के मौसम की कड़ी चुनौतियों से निबटने का अनुभव तो है ही साथ ही साथ इसके पास अनुकूलन तकनीक यानी एडैप्टेबल टेक्नोलॉजी, रिसर्च और डेवलपमेंट के अलावा इजरायली विशेषज्ञों और संस्थाओं के साथ करीब से काम करने का अनुभव है। इसके साथ ही साथ इंडो-इजरायली कृषि परियोजना के तहत इजरायलऔर भारत सरकार ने गुजरात के भुज में खजूर की खेती के लिए हाथ मिलाया है। यहां पर इजरायल की वजह से किसान मौसम के अनुकूल होने वाली खजूर की खेती से रूबरू हो सके।