Delhi: पिछले चार वर्षों की सबसे क्लीन दिवाली, नियम तोड़ने की वजह से 210 से ज्यादा अरेस्ट
नई दिल्ली। देश की राजधानी में सांस लेना हर रोज मुश्किल हो रहा है, जिस तरह से लगातार हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है वह लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। दीवाली के बाद दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। लेकिन पिछले चार वर्षों की बात करें तो इस वर्ष दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर कम है। पिछले चार वर्षों की तुलना में इस वर्ष दीवाली के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर कम दर्ज किया गया है। इसकी अहम वजह है कि दिल्ली में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत थी, जिसके चलते लोगों ने बहुत कम संख्या में पटाखे जलाए।
210 लोग गिरफ्तार
दिवाली के दिन दिल्ली में रात 8 बजे के बाद पटाखों को जलाने का सिलसिला तेज हो गया, जिसके बाद पुलिस ने 371 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और 210 से अधिक लोगों को नियमों का उल्लंघन करने की वजह से गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सिर्फ 8 से 10 बजे के बीच ही लोग पटाखे जला सकते हैं, वह भी सिर्फ ग्रीन पटाखे। रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स शाम 4 बजे 337 दर्ज किया गया जो काफी खराब की श्रेणी में आता है। लेकिन तेज हवाओं के चलते हवा में प्रदूषण का स्तर कम होता गया और रात 8 बजे तक यह 316 तक पहुंच गया।
दिवाली के मौके पर इस बार कम प्रदूषण
बता दें कि वर्ष 2015 में दिवाली के मौके पर दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 360 था जोकि काफी खराब की श्रेणी में आता है। जबकि 2016 में यह 445 पहुंच गया था जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। 2017 में इंडेक्स 403 और 2018 में यह 290 तक पहुंच गया था ऐसे में साफ देखा जा सकता है कि पिछले चार वर्षों में दिवाली के मौके पर दिल्ली का प्रदूषण स्तर इस बार कम रहा है। पिछले चार वर्षों से लगातार प्रदूषण के स्तर में कमी देखी जा सकती है।
सोमवार को हवा में प्रदूषण और बढ़ा
रविवार को रात जब लोगों ने पटाखे जलाने शुरू किए तो एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। सोमवार को शाम 4 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 368 पहुंच गया जोकि काफी खराब की श्रेणी में आता है। सोमवार रात 10 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स पहली बार इस मौसम में गंभीर स्तर पर पहुंच गया और यह 376 दर्ज किया गया। संभावना है कि आज हवा की रफ्तार धीमी रहेगी और पराली जलाने की वजह से आज दिल्ली की हवा और खराब हो सकती है। माना जा रहा है कि पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली के प्रदूषण मे 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
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