यौन शोषण मामले में CJI को क्लीन चिट, फैसले के खिलाफ महिला वकीलों ने SC के बाहर किया प्रदर्शन
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पूर्व महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को क्लीन चिट मिल गई थी। मामले की जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के पैनल ने जस्टिस गोगोई पर लगे आरोपों को गलत पाया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई को क्लीन चिट दिए जाने का महिला कार्यकर्ताओं व वकीलों ने विरोध किया है। ये महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं।
ये भी पढ़ें: दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 की हर खबर
महिला वकीलों और कार्यकर्ताओं के इस प्रदर्शन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 लगा दी गई है। मंगलवार को सुबह हालात काबू से बाहर होने लगे जब पुलिस ने विरोध कर रहीं महिलाओं को हटाने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शन को कवर करने गए कुछ पत्रकारों को भी पुलिसकर्मियों ने हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में पत्रकारों को छोड़ दिया गया था लेकिन 30 से अधिक महिला कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। शीर्ष अदालत के परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
ये भी पढ़ें: दिल्ली वालों से बोले केजरीवाल, तुम मुझे 7 सीट दो मैं तुम्हें सीलिंग से निजात दूंगा
कई कार्यकर्ता और वकीलों का एक समूह सीजेआई गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति एसए बोबडे के नेतृत्व में बनाए गए तीन जजों पैनल द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया का विरोध कर रहा है। तीन जजों के पैनल ने सीजेआई को क्लीन चिट दी, तो इसके विरोध में वे लोग उतर आए हैं। वहीं, कई महिला कार्यकर्ताओं ने शिकायतकर्ता के समर्थन में निष्पक्ष जांच की मांग की।
पैनल ने सीजेआई को यौन उत्पीड़न मामले में दी थी क्लीन चिट
बता दें कि यौन शोषण मामले की जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के पैनल ने जस्टिस गोगोई पर लगे आरोपों को गलत पाया था। सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर आरोप लगाया था कि सीजेआई ने उनकी यौन उत्पीड़न किया। महिला के आरोप के बाद सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों का इन-हाउस पैनल मामले की जांच के लिए गठित किया गया। पैनल ने अपनी जांच में चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों को गलत पाते हुए उनको क्लीन चिट दी थी।
शिकायतकर्ता ने कहा- घोर अन्याय हुआ
वहीं, सीजेआई रंजन गोगोई को क्लीन चिट दिए जाने के बाद आरोप लगाने वाली महिला की प्रतिक्रिया आई थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि ने उसकी सबसे बुरी आशंका सच हो गई और न्याय की उसकी सारी उम्मीदें चकनाचूर हो गई। महिला की ये प्रतिक्रिया तब आई जब तीन जजों की आतंरिक जांच कमेटी ने सीजेआई के ऊपर लगे आरोपों को निराधार करार दे दिया। यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का कहना था कि उसके साथ घोर अन्याय हुआ।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी महिला ने यह भी कहा कि वह ये जानकर ना केवल बहुत निराश है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त इन-हाउस समिति ने सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न शिकायत में कुछ नहीं पाया, बल्कि उसके साथ घोर अन्याय भी हुआ है। महिला ने अपने बयान में कहा, 'मैं बहुत डरी हुई हूं, क्योंकि इन-हाउस कमेटी ने उनके सामने सभी तथ्यों को रखने के बावजूद मुझे कोई न्याय या सुरक्षा नहीं दी। कमेटी ने मेरी गलत तरीके से की गई बर्खास्तगी, तिरस्कार और मेरे परिवार ने जो अपमान झेला है, उसके बारे में कुछ भी नहीं कहा। अब मेरा परिवार खतरे में हैं।'