बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे छात्र को डीटीसी बस ने कुचला, अस्पतालों ने किया इलाज से इंकार, मौत
नई दिल्ली। दसवीं कक्षा का छात्र जोकि शुक्रवार को अपनी बाइक से बोर्ड की परीक्षा देने जा रहा था उसकी बस की टक्कर लगने से मौत हो गई है। छात्र का नाम प्रांजल है, वह नोएडा के हरोला गांव का रहने वाला था। शुक्रवार सुबह तकरीबन 6.45 बजे जब वह रजनीगंधा चौक के पास था तो उसकी बाइक को एक बस ने टक्कर मार दी जिसके बाद उसकी मौक हो गई। छात्र 10वीं की बोर्ड की अंग्रेजी की परीक्षा देने जा रहा था, उसके साथ एक और दोस्त भी बाइक पर सवार था।
ड्राइवर गिरफ्तार
छात्र प्रांजल सरकारी हाई स्कूल, अट्टा अंग्रेजी की परीक्षा देने जा रहा था। प्रांजल के साथ उसका दोस्त तालीम भी था। चश्मदीद का कहना है कि एक्सिडेंट के बाद प्रांजल को मैक्स अस्पताल ले जाया गया, उसके बाद उसे कैलाश अस्पताल ले जाया गया, दोनों ही अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया। जिसके बाद उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद इस मामले में सेक्टर 20 में मामला दर्ज किया गया है, पुलिस ने ड्राइवर राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और बस को सीज कर दिया गया है।
अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग
प्रांजल की मां पार्वती देवी का कहना है कि प्रांजल डीटीसी बस को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद बस ने उसे पीछे से टक्कर मार दी, जिसके चलते बाइक का संतुलन बिगड़ गया, तालीम को मामूली चोट आई, जबकि प्रांजल के सिर में गंभीर चोट आई थी। जब उसे मैक्स अस्पताल ले जाया गया तो उन लोगों ने बताया कि हम इसका इलाज नहीं कर सकते हैं। पार्वती देवी ने कहा कि उन लोगों ने हमे कैलाश अस्पताल जाने को कहा है, जहां उनकी एक्सरे मशीन काम नहीं कर रही थी, जिसके बाद हम प्रांजल को जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। हम चाहते हैं कि कैलाश अस्पताल व मैक्स अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
अस्पताल ने जारी किया बयान
वहीं गौतम बुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह ने कहा कि हम इस मामले को देख रहे हैं अगर अस्पताल दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चीफ मेडिकल ऑफिसर अनुराग भार्गव ने कहा कि वह परिवार के सदस्यों से मिलने जा रहे हैं, हमने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। मैक्स अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि मरीज को अस्पताल लाया गया था, जिसका खून नाक व कान से काफी बह रहा था, उसका तुरंत एनसीसीटी स्कैन किया जाना था, जोकि मैक्स अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, इस बारे में मरीज के परिजन को बताया गया था। मैक्स अस्पताल के आपातकालीन डॉक्टर ने एंबुलेंस के जरिए उसे बेहतर अस्पताल भेजा, लेकिन मरीज के साथ व्यक्ति उसे दूसरे अस्पातल लेकर गए।