सपा से अलग होने के बाद आपस में भिड़े BSP कार्यकर्ता, चलाए लाठी-डंडे और सरिया
कसभा चुनाव में हार पर हाहाकार, आपस में ही भिड़े BSP कार्यकर्ता, जमकर चले लाठी-डंडे और सरिया
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में यूपी में महज 10 सीटें हासिल करने वाली बीएसपी अब सपा के साथ गठबंधन में नहीं है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वो अपने दम पर ही आने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। हालांकि मायावती के इस निर्देश के उलट बीएसपी के कार्यकर्ताओं में जूतम-पैजार देखने को मिल रही है। मामला यूपी के हाथरस का है, जहां बीएसपी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। दरअसल हार की समीक्षा के लिए बीएसपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें किसी बात को लेकर मामला बिगड़ गया और हालात मार-पिटाई तक जा पहुंचे।
सांसद गिरीश कुमार के सामने भिड़े कार्यकर्ता
जानकारी के मुताबिक, रविवार को यूपी के हाथरस जिले में मंडल स्तर की एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में आगरा मंडल में बीएसपी के कमजोर प्रदर्शन को लेकर समीक्षा होनी थी। बैठक बीएसपी के ही एक नेता मनोज सोनी के घर पर चल रही थी और इसमें यूपी की नगीना लोकसभा सीट से चुनाव जीते सांसद गिरीश कुमार भी मौजूद थे। बैठक के दौरान बीएसपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सांसद गिरीश कुमार के सामने अपनी बात रखनी चाही, लेकिन कार्यकर्ताओं के एक दूसरे गुट ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद बात बिगड़ती चली गई और दोनों गुटों के बीच देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। बैठक में एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकी गई और लाठी-डंडे भी जमकर बरसे। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है।
ये भी पढ़ें- 'जब तक एक लाख युवा 5 बच्चे पैदा करने की शपथ नहीं लेते, आमरण अनशन नहीं तोड़ूंगा'
थाने पहुंचा झगड़े का मामला
दरअसल, आगरा मंडल में बीएसपी का प्रदर्शन इस बार काफी खराब रहा है। किसी समय यह मंडल बीएसपी का मजबूत गढ़ माना जाता था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को यहां एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है। आगरा मंडल में कुल 6 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें से महागठबंधन के तहत 2 सीटों पर बसपा, 3 पर सपा और एक पर आरएलडी चुनाव लड़ी थी। हालांकि इनमें से केवल एक सीट मैनपुरी ही महागठबंधन के खाते में गई और बाकी पांचों सीटों पर भाजपा ने अपना कब्जा जमाया। इसी हार की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई गई थी, जिसमें बीएसपी के ही दो गुट आपस में भिड़ गए। मारपीट के बाद अब दोनों गुटों की तरफ से पुलिस थाने में एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दी गई है।
यूपी में नहीं चला महागठबंधन
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने यूपी की सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, जौनपुर, अंबेडकर नगर, लालगंज, श्रावस्ती, गोसी और गाजीपुर सीट पर जीत दर्ज की। कुछ सीटें ऐसी थीं, जिनपर बसपा उम्मीदवार बेहद कम अंतर से हारे। इनमें यूपी की मछलीशहर सीट भी शामिल है, जहां बीएसपी के कैंडिडेट को महज 330 वोटों के अंतर से हार मिली। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला था। वहीं, समाजवादी पार्टी के खाते में इस चुनाव में केवल पांच सीटें आजमगढ़, मैनपुरी, मुरादाबाद, सम्भल और रामपुर गईं। 2014 में भी सपा 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। इस बार मुलायम सिंह यादव के तीन सदस्यों डिंपल यादव को कन्नौज, अक्षय यादव को फिरोजबादा और धर्मेंद्र यादव को बदायूं में हार का सामना करना पड़ा। आरएलडी 2014 में अपना खाता नहीं खोल पाई थी और इस बार भी पार्टी कोई सीट नहीं जीत पाई। आरएलडी मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा सीट पर चुनाव लड़ी थी।
ये भी पढ़ें- नीतीश के बाद अब शिवसेना ने दिखाए BJP को तेवर, मांगा ये अहम पद