प्रधानमंत्री के भाषण पर इसलिए नाराज हो गए मुख्य न्यायाधीश
नई दिल्ली। देश की आजादी की 70वीं वर्षगांठ पर लाल किले के प्रचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से भारत के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर नाराज दिख रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरन उन्होंने कहा कि 'मैं पीएम मोदी और कानून मंत्री दोनों का भाषण सुना है। मैं यह उम्मीद कर रहा था कि न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर कुछ कहा जाएगा।'
उन्होंने आगे कहा कि ' मैं सोचता हूं कि मैं अपने करियर के शिखर पर पहुंच चुका हूं, इसलिए मैं जो भी महसूस करता हूं उसे कहने में हिचकता नहीं हूं।'
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टीएस ठाकुर ने कहा कि 'पीएम मोदी के भाषण से मैं निराश हूं। मैं अनुरोध करता हूं कि सरकार न्यायपालिका की तकलीफ पर ध्यान दें, विशेष तौर पर न्यायाधीश की नियुक्ति पर।'
बीती बार यह कहा था ठाकुर ने
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में राज्यों के मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश की एक बैठक में जब वो बोल रहे थे तो उस दौरान न्यायपालिका की समस्याओं की बात करते हुए वो रो पड़े थे।
उन्होंने कहा था कि 'हम चाहते हैं कि लोग भारत आएं और मेक इन इंडिया का हिस्सा बनें। निवेश करं लेकिन जिन लोगों को हम बुला रहे हैं वो यह भी देखेंगे कि निवेश के मामले में पैदा होने वाले विवादों से निपटने के लिए न्यायपालिका कितनी सक्षम है।'
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रो पड़े थे ठाकुर
न्यायाधीश की नियुक्ति पर भावुक होते हुए ठाकुर ने कहा था कि 'ये केवल बेचारे याची और जेल में पड़े हुए लोगों के लिए ही नहीं है वरन् देश के विकास के लिए जरूरी है।'
ठाकुर ने यह भी कहा था कि ' केवल आलोचना करने भर से काम नहीं होगा, आप सारा बोझ न्यायपालिका पर नहीं डाल सकते, अगर भारत के न्यायाधीश के काम की तुलना अन्य देशों से करेंगे , तो हम बहुत आगे हैं।
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मुख्य न्यायाधीश द्वारा जताई गई नाराजगी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ' मैं न्याय के प्रति मुख्य न्यायाधीश के साहस, चिंता और दृढ़ निश्चय के लिए भाषण उनके प्रशंसा करता हूं।'