सीजेआई अरविंद बोबडे ने खुद को निर्भया गैंगरेप केस की सुनवाई से अलग किया
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नई दिल्ली। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने खुद को निर्भया गैंगरेप मामले की सुनवाई से अलग कर लिया है। सीजेआई ने खुद को केस से अलग करने के पीछे निजी वजह बताई है। सीजेआई बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजो की बेंच, जिसमें जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर भानुमति शामिल हैं, इस मामले की सुनवाई कर रही थी। अब इस मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को नई बेंच गठित होगी। अक्षय कुमार की फांसी के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ बुधवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई करेगी।।
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस में दोषी अक्षय की अपनी मौत की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार को दोपहर दो बजे से सुनवाई होनी थी। अब बुधवार को नई बेंच के गठन के बाद इस पर फिर से सुनवाई होगी। निर्भया गैंगरेप केस के चारो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। चारों, अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। इनमें से एक अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है।
पिछले साल नौ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के तीन अन्य दोषियों-मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि 2017 के मृत्युदंड के फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है। अब अक्षय ने याचिका दायर की है।
बता दें कि 2012 में दिसंबर में छह लोगों ने चलती बस में लड़की के साथ गैंगरेप किया था। इसके बाद इन लोगों ने उसे लोहे की रॉड से मारकर सड़क पर फेंक दिया था। लड़की ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। एक आरोपी की जेल में मौत हो गई थी।एक नाबालिग तीन साल की सजा के बाद छूट गया है। चार लोगों को फांसी की सजा हुई है।
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