सीजेआई बोबडे ने क्यों खुद को निर्भया केस की सुनवाई से किया अलग, ये है वजह
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने मंगलवार को खुद को निर्भया गैंगरेप मामले की सुनवाई कर रही बेंच से अलग कर लिया है। अब सुनवाई के लिए नई बेंच बनाई जाएगी। जस्टिस बोबडे ने खुद को सुनवाई से अलग करने के पीछे निजी वजह बताई है। दरअसल, पीड़िता की ओर से बतौर वकील सीजेआई के भतीजे अर्जुन बोबडे अदालत में पेश हुए थे। ऐसे में सीजेआई ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है।
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नई बेंच करेगी सुनवाई
इस ममामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है, जिसमें सीजेआई बोबडे के अलावा जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर भानुमति शामिल हैं। मंगलवार को जस्टिस बोबडे के सुनवाई से अलग होने के बाद अब इस मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को नई बेंच गठित होगी। अक्षय कुमार की फांसी के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ बुधवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई करेगी।
अक्षय कुमार सिंह ने दायर की है पुनर्विचार याचिका
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस में दोषी अक्षय की अपनी मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है। इस याचिका पर मंगलवार को दोपहर दो बजे से सुनवाई होनी थी। निर्भया गैंगरेप केस के चारो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। चारों, अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। इनमें से एक अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है।
2012 का है मामला
2012 में दिसंबर में छह लोगों ने चलती बस में लड़की के साथ गैंगरेप किया था। इसके बाद इन लोगों ने उसे लोहे की रॉड से मारकर सड़क पर फेंक दिया था। लड़की ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। एक आरोपी की जेल में मौत हो गई थी।एक नाबालिग तीन साल की सजा के बाद छूट गया है। चार लोगों को फांसी की सजा हुई है।
सीजेआई अरविंद बोबडे ने खुद को निर्भया गैंगरेप केस की सुनवाई से अलग किया