अयोध्या के बाद अब इन 4 बड़े मामलों पर नजरें, रिटायरमेंट से पहले सीजेआई सुना सकते हैं फैसला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या के बहुचर्चित मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। पहले भी ऐसे कयास लगा जा रहे थे कि रिटायरमेंट के पहले वे अयोध्या मामले पर फैसला सुना सकते हैं। वहीं, अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद अब नजरें कुछ अन्य बड़े मामलों पर हैं जो सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। अगले हफ्ते इन बड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है।
17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं सीजेआई
सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। कामकाज के दिनों की बात करें तो अब उनके पास 4 दिन शेष है, यानी इन्हीं चार दिनों में सीजेआई 4 बड़े मामलों पर फैसला दे सकते हैं। 11-12 नवंबर को कोर्ट बंद रहेगा। वहीं, 17 नवंबर को वे रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उस दिन किसी मामले पर फैसला सुनाना संभव नहीं हो सकता है क्योंकि तब रिटायरमेंट की औपचारिकताएं निभाई जाएंगी। चार मामलों की बात करें तो, सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ अपने उस निर्णय पर पुनर्विचार कर फैसला दे सकती है जिसमें हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला के अयप्पा मंदिर जाने की इजाजत दी गई थी।
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सबरीमाला पर सुना सकते हैं फैसला
6 फरवरी को कोर्ट ने 65 याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केरल में काफी विरोध हुआ था। इसे देखते हुए मंदिर के आसपास के इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती करनी पड़ी थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि सबरीमाला में भगवान अयप्पा एक ब्रह्मचारी थे, इसलिए अदालत को 10-50 की उम्र वाली महिलाओं के प्रवेश पर रोक की परंपरा में दखल नहीं देना चाहिए।
राफेल डील की समीक्षा याचिका पर भी आ सकता है फैसला
वहीं, सुप्रीम कोर्ट राफेल डील मामले में अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर भी निर्णय सुना सकता है। कोर्ट ने राफेल डील की प्रक्रिया को सही ठहराया था और 36 राफेल विमानों की खरीद के सौदे की कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग को खारिज कर दिया था। इसी फैसले को लेकर समीक्षा याचिका दायर की गई थी। इस मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में महीनों तक घमासान छिड़ा रहा। वहीं, पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
CJI दफ्तर को RTI एक्ट के तहत लाने का मामला
सुप्रीम कोर्ट, सीजेआई को आरटीआई के दायरे में लाने के मामले पर भी फैसला सुना सकता है। इस याचिका में सीजेआई ऑफिस को आरटीआई के तहत लाने की अनुमति देने की मांग की गई है। आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने इस याचिका को दाखिल किया था। सीजेआई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने 4 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
'चौकीदार चोर है' वाले मामले पर भी फैसला आ सकता है
एक अन्य बड़ा मामला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़ा है, जिनपर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को गलत ढंग से पेश करने का आरोप है। यह मामला लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जब राहुल गांधी ने राफेल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'चौकीदार चोर है' के अपने आरोपों से जोड़ दिया था। इसी को लेकर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।