यौन उत्पीड़न मामले में सीजेआई रंजन गोगोई को क्लीन चिट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीन चिट मिल गई है। मामले की जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के पैनल ने जस्टिस गोगोई पर लगे आरोपों को गलत पाया है। सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर आरोप लगाया था कि सीजेआई ने उनकी यौन उत्पीड़न किया है। महिला के आरोप के बाद सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों का इन-हाउस पैनल मामले की जांच के लिए गठित किया गया। पैनल ने अपनी जांच में चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों को गलत पाते हुए उनको क्लीन चिट दी है।
पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंपी
मामले की जांच करने वाले जस्टिस एसए बोबडे, इंदिरा बनर्जी और इंदु मल्होत्रा के पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है। ये रिपोर्ट सीजेआई के अलावा वरिष्ठ जज को सौंप दी गई है। हालांकि ये रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है, इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट के नियमों का हवाला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने 19 अप्रैल को जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद ये पैनल गठित किया गया था।
चीफ जस्टिस ने कहा था साजिश
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई बीते हफ्ते अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कर रही जस्टिस एसए बोबडे, इंदिरा बनर्जी और इंदु मल्होत्रा की पीठ मामले की पीठ के सामने पेश हुए थे और सभी आरोपों को नकार दिया था। वहीं बीते महीने आरोप लगाए जाने के बाद भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया था। उन्होंने आरोपों के बाद न्यायपालिका के खतरे में होने की बात कही थी। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए हैं।
सीजेआई के खिलाफ आरोप: 300 से अधिक महिलाओं ने की सुनवाई रोकने की मांग, जजों को लिखी चिट्ठी
महिला नहीं हुई थी पैनल के सामने पेश
सीजेआई पर आरोप लगाने वाली पूर्व कर्मचारी ने अपने हलफनामे में दो घटनाओं का जिक्र कर सीजेआई गोगोई पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला ने दोनों ही घटनाएं अक्टूबर 2018 में होने की बात लिखी थी। शुरुआती सुनवाई के बाद शिकायतकर्ता महिला पैनल के सामने पेश नहीं हुई थी। उसने कहा था कि उसे इस पैनल से न्याय की उम्मीद नहीं है।