पांच दिन शेष: सीजेआई गोगोई ने तत्काल सुनवाई वाले मामले जस्टिस बोबडे को सौंपे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के कार्यकाल के महज पांच दिन ही शेष बचे हैं। वह 17 नवंबर को सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या विवाद का फैसला भी जल्द ही आ सकता है। अब खबर आई है कि गोगोई ने तत्काल सुनवाई वाले मामलों से खुद को अलग कर लिया है।
उन्होंने इन मामलों की सूची मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस एसए बोबडे को सौंप दी है। सेवानिवृत होने से पहले वह अयोध्या मामले पर फैसला सुनाएंगे, जिसका पूरा देश लंबे समय से इंतजार कर रहा है। जानकारी के मुताबिक वह सबरीमाल और राफेल मामलों में दायर की गईं पुनर्विचार याचिकाओं पर भी फैसला सुनाएंगे।
राहुल गांधी के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई
कहा जा रहा है कि गोगोई उस पीठ की अध्यक्षता भी करेंगे, जो भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना मामले में फैसला सुनाएगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अयोध्या मामले की महत्ता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार भी फैसले से पहले सुरक्षा के लिहाज से सशस्त्र पुलिस बल के चार हजार जवानों को भेजने के निर्देश दे चुकी है। राज्य सरकार ने पहले से ही अयोध्या में धारा 144 लागू की हुई है।
दशकों पुराना है विवाद
मंत्रालय ने पैरामिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजी हैं। अयोध्या में जमीन का विवाद कई दशक पुराना है। इस मामले में सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ विवादित जमीन को राम लला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांट दिया था। जिससे तीनों ही पक्षों ने नाइत्तेफाकी दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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