रिटायरमेंट से पहले इन बड़े मामलों पर फैसला सुना सकते हैं CJI दीपक मिश्रा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा एक अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। वहीं, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अपने रिटायरमेंट से पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कई अहम फैसले सुना सकते हैं। जस्टिस मिश्रा के कार्यकाल में ही मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी के मामले में देर रात कोर्ट में सुनवाई में हुई थी और जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
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कई अहम मामलों में फैसले की उम्मीद
रिटायर होने से पहले जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच कई अहम मामलों में फैसला सुना सकती है। चर्चा है कि कुछ बड़े मामलों पर फैसला कभी भी आ सकता है। इनमें अयोध्या-रामजन्मभूमि विवाद, समलैंगिता, सबरीमाला मंदिर केस, आधार का मामला और नौकरी में आरक्षण सहित कई मामले हैं जिनपर फैसला आना बाकी है।
1. आधार का मामला: इन लंबित मामलों में एक आधार की अनिवार्यता का मामला भी है। आधार की अनिवार्यता के मामले में 10 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सुनवाई पूरी हुई थी जिसके बाद पीठ ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इसमें पांच जजों की संविधान पीठ को तय करना है कि आधार निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं।
1 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं सीजेआई दीपक मिश्रा
2. समलैंगिता: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ ने 17 जुलाई को धारा-377 की वैधता को चुनौती वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस कानून को पूरी तरह से निरस्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा था कि दो समलैंगिक वयस्कों द्वारा सहमति से बनाए गए यौन संबंध तक ही इसे सीमित रखा जाएगा। अगर दो समलैंगिक वयस्कों द्वारा सहमति से बनाए गए यौन संबंध पर विचार कर रहे हैं तो इसमें सहमति ही सबसे अहम बिन्दु है। इस मामले पर अभी अंतिम फैसला आना बाकी है।
3. रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद: साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और तब से लेकर अबतक इसपर सुनवाई जारी है। इस मामले को लेकर अंतिम सुनवाई 20 जुलाई को हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हो रही थी कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं। इस मामले पर पूरे देशभर की निगाहें हैं कि फैसला किसके पक्ष में आएगा।
कई अहम मामलों में आना है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
4. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला: सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में भी अंतिम फैसला आना बाकी है। केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
5. अडल्टरी(व्यभिचार): सुप्रीम कोर्ट ने 8 अगस्त को इस मामले में सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था। IPC की धारा 497 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने कानून का समर्थन किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर विवाहित महिला किसी विवाहित पुरुष से संबंध बनाती है तो सिर्फ़ पुरुष ही दोषी क्यों? जबकि महिला भी अपराध की जिम्मेदार है। इस मामले पर भी देशभर की नजरें जमीं हैं।
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