नागरिकता बिल पर ट्वीट को लेकर पीके पर कार्रवाई कर सकती है जदयू, महागठबंधन ने दिया ऑफर- हमारे साथ आओ
नागरिकता बिल पर जदयू से खफा पीके, महागठबंधन का ऑफर- हमारे साथ आओ
नई दिल्ली। नागरिकता बिल पर जदयू के स्टैंड को लेकर सवाल खड़े करने वाले प्रशांत किशोर को आरएलएसपी ने अपने साथ आने का ऑफर दिया है। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि अगर किशोर आएंगे तो हम सब लोग उनका स्वागत करेंगे और सम्मान भी देंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी के खिलाफ स्टैंड लेने पर जदयू ने किशोर और पवन वर्मा से जवाब मांगा है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। जिसके बाद आरएलएसपी ने उन्हें महागठबंधन में आने का ऑफर दिया है।
प्रशांत किशोर और पूर्व सांसद पवन वर्मा ने नागरिकता बिल पर जदयू के स्टैंड को लेकर सवाल उठाए हैं। जदयू के बिल पर सरकार को समर्थन करने को किशोर ने निराशाजनक बताते हुए नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। वहीं वर्मा ने भी फैसले पर पार्टी के रुख को निराश करने वाला कहा है।
संसद में जदयू के नागरिकता बिल को समर्थन पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। किशोर ने ट्वीट किया, जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुई। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।
जदयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार इस पर लिखा, मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर करने पर दोबारा विचार करें। ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है। बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं।
बता दें, नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। बिल सोमवार को लोकसभा से और बुधवार को राज्यसभा में पास हुआ। बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।
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