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राज्यसभा में पेश होने से ठीक पहले नागरिकता बिल पर शिवसेना ने बदला पाला, उद्धव ने दिया बड़ा बयान

नागरिकता संशोधन बिल पर अब शिवसेना ने बदला पाला, कहा- तब तक समर्थन नहीं करेंगे, जब तक कि...

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास होने के बाद अब बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सोमवार को बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने संशोधन को संविधान विरोधी बताते हुए इसका विरोध किया। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। शिवसेना ने भी नागरिकता संशोधन बिल पर भाजपा का साथ दिया। हालांकि राज्यसभा में इस बिल के पेश होने से ठीक पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने रुख में बदलाव करते हुए बड़ा बयान दिया है।

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Citizenship Amendment Bill पर Shiv Sena का यू-टर्न, Uddhav ने कही ये बड़ी बात । वनइंडिया हिंदी
'जो असहमत है, वो देशद्रोही है, ऐसा सोचना उनका भ्रम'

'जो असहमत है, वो देशद्रोही है, ऐसा सोचना उनका भ्रम'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश होने से ठीक एक दिन पहले बयान देते हुए कहा, 'जब तक चीजें स्पष्ट नहीं होतीं, हम नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन नहीं करेंगे। अगर किसी नागरिक के मन में इस बिल को लेकर कोई डर है तो सबसे पहले उसकी शंकाओं को दूर किया जाना चाहिए। वे हमारे नागरिक हैं, इसलिए सरकार को उनके सवालों का जवाब देना ही चाहिए। जो भी उनसे असहमत है, वो 'देशद्रोही' है, ऐसा सोचना उनका भ्रम है। हमने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक में बदलाव का सुझाव दिया है। यह एक भ्रम है कि केवल भाजपा को ही देश की परवाह है।'

ये भी पढ़ें- शिवसेना ने किया खुलासा, नागरिकता संशोधन बिल पर क्यों किया BJP का समर्थनये भी पढ़ें- शिवसेना ने किया खुलासा, नागरिकता संशोधन बिल पर क्यों किया BJP का समर्थन

'राजनीति में अंतिम कुछ नही होता'

'राजनीति में अंतिम कुछ नही होता'

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कहा कि शिवसेना राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ मतदान कर सकती है। संजय राउत ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा- 'राजनीति में अंतिम कुछ नही होता...चलता रहता है..।' इससे पहले शिवसेना ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने बिल पर समर्थन को लेकर बताया, 'हमने राष्ट्र के हित में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया। कांग्रेस और एनसीपी के साथ 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम' केवल महाराष्ट्र में लागू है।'

सामना में शिवसेना ने किया बिल का विरोध

सामना में शिवसेना ने किया बिल का विरोध

हालांकि सोमवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा था कि यह बिल हिंदुओं और मुसलमानों के 'अदृश्य विभाजन' का कारण बन सकता है। शिवसेना ने इस बिल पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या इस बिल का उद्देश्य 'वोट बैंक बनाना' है। अगर ऐसा है तो यह बिल देश के लिए ठीक नहीं है। शिवसेना ने हालांकि सीधे तौर पर बिल का विरोध नहीं किया, लेकिन अपने मुखपत्र सामना में लिखा, 'गृह मंत्री अमित शाह से हमारी मांग है कि अगले 25 सालों के लिए नए नागरिकों को मतदान का अधिकार ना दिया जाए। क्या यह स्वीकार्य है?' शिवसेना ने मोदी सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें डर है कि हिंदू अवैध प्रवासियों की चयनात्मक स्वीकृति देश में एक धार्मिक युद्ध को बढ़ावा देने का काम करेगी।

'अदृश्य विभाजन का कारण बन सकता है बिल'

'अदृश्य विभाजन का कारण बन सकता है बिल'

सामना में मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए शिवसेना ने कहा कि यह बिल हिंदुओं और मुसलमानों के 'अदृश्य विभाजन' का कारण बन सकता है। पार्टी ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल से वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा मिल सकता है, जो देश के हितों के खिलाफ है। इसके अलावा शिवसेना ने बिल की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए। शिवसेना ने कहा, 'इस समय हमारा देश कई समस्याओं से जूझ रहा है और ऐसे में नागरिकता संशोधन बिल केवल एक विवादास्पद कदम साबित होगा।' शिवसेना ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए सरकार कुछ कर रही है या नहीं?

भाजपा ने कहा- हम शिवसेना के शुक्रगुजार

भाजपा ने कहा- हम शिवसेना के शुक्रगुजार

लोकसभा में शिवसेना के समर्थन पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'मैं शिवसेना का शुक्रगुजार हूं। शिवसेना ने इस बात को समझा कि यह बिल राष्ट्र के हित में है और उन्होंने इसका समर्थन किया। जहां तक हमारा सवाल है, मैंने सभी दलों से सरकार का समर्थन करने की अपील की थी।' प्रह्लाद जोशी से जब पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र में भी शिवसेना और भाजपा के रुख में बदलाव देखने को मिलेगा? इसपर प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'यह सवाल आपको शिवसेना से पूछना होगा। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि लोकसभा में शिवसेना का समर्थन राज्य की राजनीति से अलग है।

'सताए हुए लोगों को देंगे नागरिकता'

'सताए हुए लोगों को देंगे नागरिकता'

वहीं, अमित शाह ने बिल पर लोकसभा में कहा, 'अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, पारसियों और जैन समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव किया गया है। यह बिल इन सताए हुए लोगों को नागरिकता देगा। साथ ही यह आरोप कि यह बिल मुसलमानों के अधिकारों को छीन लेगा, बिल्कुल गलत है। आज हमें इस विधेयक की आवश्यकता क्यों पड़ी? आजादी के बाद यदि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं किया होता, तो, आज हमें इस विधेयक की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया।' बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बांग्लादेश के बारे में कानून लेकर आईं, लेकिन पाकिस्तान से आए लोगों के लिए क्यों नहीं लेकर आईं। अमित शाह ने कहा कि युगांडा से आए लोगों को भी कांग्रेस सरकार में नागरिकता दी गई। इंग्लैंड से आए लोगों को क्यों नहीं?

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English summary
Citizenship Amendment Bill: Will Not Give Support Unless Things Are Clear- Uddhav Thackeray.
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