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Citizenship Amendment Bill के विरोध पर पूरे पूर्वोत्तर में सुरक्षा कड़ी, कई संगठनों ने किया बंद का ऐलान

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नई दिल्‍ली। साठ साल पुराने नागरिकता कानून को बदलने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश करने वाले हैं। यह विधेयक लोकसभा में दैनिक कामकाज के तहत सूचीबद्ध है। बीजेपी ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। यह व्हिप सोमवार से बुधवार तक के लिए है।

Citizenship Amendment Bill के विरोध पर पूरे पूर्वोत्तर में सुरक्षा कड़ी, कई संगठनों ने किया बंद का ऐलान

सांसदों से दोनों सदनों में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करेंगे। इस बिल को लेकर लोकसभा में जोरदार बहस होने के आसार हैं। दूसरी तरफ, असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। असम में भाजपा नीत सरकार के मंत्रियों को काले झंडे दिखाए जा रहे हैं और उनके पुतले जलाए जा रहे हैं। इन प्रदर्शन को देखते हुए पूरे पूर्वोत्तर में सुरक्षा के पुख्‍ते इंतजाम किए गए हैं।

पूर्वोत्तर के राज्‍यों में बंद का ऐलान

पूर्वोत्तर के 7 राज्यों के छात्र संगठनों को मिलाकर बनी नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने मंगलवार को सुबह 5:00 बजे से 11 घंटे के बंद का आह्वान किया है। ऑल असम स्टूडेंट यूनियन जोकि राज्य की छात्रों की सबसे बड़ी इकाई है उसने विधेयक के विरोध में प्रदर्शनों की एक लंबे कार्यक्रम की घोषणा की है। आल असम स्टूडेंट्स यूनियन आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि असम घुसपैठियों के लिए कोई डस्टबिन नहीं है, भाजपा संसद में अपनी संख्या के दम पर इस विधेयक को पारित कराना चाहती है, जिसे हम स्वीकार नहीं करेंगे और विरोध जारी रखेंगे। राज्य में कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट दो मुख्य विपक्षी दल नागरिकता विधेयक का विरोध कर रहे हैं और इसे 1985 के असम समझौते के खिलाफ बता रहे हैं।

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वहीं नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में वामपंथी विचारधारा वाले करीब 16 संगठनों ने 10 दिसंबर को 12 घंटे का असम बंद आहूत किया है। पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को सुबह पांच बजे से 11 घंटे के पूर्वोत्तर बंद का पहले ही आह्वान कर चुका है। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के सलाहकार अखिल गोगोई ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केएमएसएस और उसके सहयोगी संगठनों ने इन संगठनों और छात्र संगठन द्वारा बुलाए गए बंद को अपना समर्थन जताया है। उन्होंने बताया कि केएमएसएस ने सूटिया, मोरान और कोच-राजबोंग्शी जैसे विभिन्न आदिवासी छात्र निकायों द्वारा सोमवार को आहूत 12 घंटे के असम बंद को भी समर्थन दिया है।

क्‍या है नागरिकता संशोधन बिल

नागरिकता संशोधन विधेयक का उद्देश्य छह समुदायों - हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी - के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। बिल के जरिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके। चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है। खबरों के अनुसार, नए विधेयक में अन्य संशोधन भी किए गए हैं, ताकि 'गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे' लोगों तथा पड़ोसी देशों में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर भारत में शरण लेने वाले लोगों में स्पष्ट रूप से अंतर किया जा सके।

देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक का संसद के निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाना तय है, लेकिन राज्यसभा में, जहां केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसका पारित हो जाना आसान नहीं होगा।

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English summary
Citizenship Amendment Bill: Security Tightened as Anti-bill Protests Continue across Northeast.
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