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जानिए कैसे और किस आधार पर मिलती है भारत की नागरिकता

9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश हो सकता है। भाजपा की विरोधी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। जानिए कैसे और किस आधार पर मिलती है भारत की नागरिकता?

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बेंगलुरु। इन दिनों हर ओर नागरिकता संसोधन बिल पर बहस हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सरकार द्वारा लाए जा रहे इस बिल का, क्या राज्य सरकारे, क्या सोशल मीडिया और क्या आम जनता, हर जगह विरोध हो रहा है। कुछ पार्टियां इस बिल पर सरकार के साथ है, तो कुछ इसके खिलाफ अपने सुर बुलंद कर रही हैं।असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में इसका विरोध भी किया जा रहा है। सोशल मीडिया भी इसी तरह दो धड़ों में बंटा नजर आ रहा है और आम जनता भी नागरिकता संशोधन बिल पर एकमत नहीं दिख रही।

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गौरतलब हैं कि भाजपा ने 9 दिसंबर से 11 दिसंबर तक के लिए अपने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। केंद्र सरकार की नरेंद्र मोदी सरकार इस दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने वाली है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने नागरिकता संशोधन विधेयक-2019 (CAB)को अपनी मंजूरी दी थी। 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश हो सकता है। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी इसे मंजूरी दिलाने की कोशिश की थी और इस बार ये मोदी सरकार का दूसरा प्रयास है।

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पहले बता दें "भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर" एनआरसी के बारे में, जो एक आधिकारिक दस्तावेज है, जिससे पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं। जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है। असम पहला राज्य है जहां 1951 के बाद इसे अपडेट किया जा रहा है। इसके हिसाब से 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है। एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे। ऐसे में बुनियादी सवाल उठना लाजिमी है कि देश की नागरिकता किसे और कैसे मिलती हैं। आइए जानते हैं कैसे और किस आधार पर मिलती है भारत देश की नागरिकता ?

चार आधार पर मिलती है नागरिकता

चार आधार पर मिलती है नागरिकता

गृह मंत्रालय के अनुसार भारत की नागरिकता चार आधार पर मिलती है। जिसमें जन्‍म, पंजीकरण वंश, और रहने का आधार शामिल है।

जन्‍म के आधार पर

26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में पैदा हुए लोगों को उनके माता-पिता की नागरिकता का ख्याल करे बिना भारतीय माना जाता है।

दूसरी स्थिति में भारत में जन्म लेने वाले हर उस व्यक्ति को भारतीय माना जाता है, जो 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुआ है। भले ही उसके माता-पिता उसके (शख्स) जन्म के समय किसी और देश के नागरिक क्यों न हों।

3 दिसंबर 2004 या उसके बाद देश में जन्म लेने वाले लोग भी भारतीय माने जाते हैं, जिनके अभिभावक भारतीय होते हैं या फिर उनमें (माता-पिता में) से एक बच्चे के जन्म के वक्त भारतीय हो, जबकि दूसरा अवैध प्रवासी नहीं होना चाहिए।

पंजीकरण के आधार पर

पंजीकरण के आधार पर

भारतीय नागरिकता पंजीकरण के आधार पर भी हासिल की जा सकती है। जिसमें निन्‍म नियम है।

भारतीय मूल का व्यक्ति, जो देश में नागरिकता के लिए आवेदन करने के सात साल पहले तक यहां रहा हो।

भारतीय मूल का वह व्यक्ति जो अविभाजित भारत के बाहर किसी देश का नागरिक हो।

वे नाबालिग बच्चे, जिनके माता-पिता भारतीय हों।

वह व्यक्ति जिसकी शादी किसी भारतीय नागरिक से हुई हो और वह नागरिकता के आवेदन करने के सात साल पहले से देश में रह रहा हो।

वंश के आधार पर

वंश के आधार पर

भारत के बाहर किसी भी देश में 26 जनवरी 1950 या उसके बाद जन्म लेने वाला व्यक्ति तब भारतीय माना जाएगा, जब उसके पिता नागरिकता के आधार पर भारतीय रहे हों।

भारत के बाहर 10 दिसंबर 1992 या उसके बाद से 3 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुआ भी भारतीय माना जाएगा। लेकिन तब जब उसके पिता जन्म से भारतीय हों।

3 दिसंबर 2004 या उसके बाद देश के बाहर पैदा हुए व्यक्ति को नागरिकता तब मिलेगी, जब उसके माता-पिता यह स्पष्ट करेंगे कि उनके नाबालिग बच्चे के पास किसी अन्य देश का पासपोर्ट नहीं है। साथ ही बच्चे का पंजीकरण जन्म के एक साल के भीतर भारतीय वाणिज्य दूतावास में करा दिया जाए।

नागरिक बनने या रहने के आधार पर

नागरिक बनने या रहने के आधार पर

देश में रहने के आधार पर कोई भी व्यक्ति देश की नागरिकता हासिल कर सकता है। बशर्ते वह 12 सालों तक देश में रहा हो और नागरिकता अधिनियम की तीसरी अनुसूची की सभी योग्यताओं पर खरा उतरता हो।

क्या कोई भारतीय दोहरी नागरिकता पा सकता हैं

संसोधित नागरिकता अधिनियम, 1955 देश के किसी भी व्‍यत्कि को दो देशों की नागरिकता पाने का आधिकार नहीं देता है।

नागरिकता ऐसे हो जाती है अमान्‍य

नागरिकता ऐसे हो जाती है अमान्‍य

नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9 में नागरिकाता समाप्‍त होने का वर्णन है। इसके अनुसार , भारत का कोई भी नागरिक, जो पंजीकरण या रहने के आधार पर या अन्‍य कारण से किसी दूसरे देश की नागरिकता हासिल कर लेता है , तो उसकी पहले देश की नागरिकता को अमान्‍य घोषित कर दिया जाता है।

इसे भी पढ़े- Citizenship Amendment Bill: जानिए क्या है नागरिकता संशोधन बिल?

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Comments
English summary
The Citizenship Amendment bill is likely to be tabled in the Lok Sabha on 9 December. Anti-BJP parties are opposing it. Know how and on what basis citizenship of India is obtained?
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