नागरिकता संशोधन बिल पर पड़ोसी मालदीव का बड़ा बयान, बताया भारत का आंतरिक मामला
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पास होने के बाद से जारी विवाद के बीच अब पड़ोसी देश मालदीव का भी बयान आ गया है। इसपर मालदीव ने कहा है कि ये भारत का आंतरिक मामला है। मालदीव की संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने इसपर कहा, 'ये भारत का आतंरिक मामला है, हमें उनके लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है। इस पूरी प्रक्रिया को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिली है।'
इस बीच नशीद ने विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि नाइक को बेशक उन्होंने आने दिया था क्योंकि उन्हें उससे जुड़े विवादित मामलों की जानकारी नहीं थी। लेकिन अब हाल ही में मालदीव की सरकार ने उसे प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उन लोगों से कोई दिक्कत नहीं है जो अच्छे इस्लाम का उपदेश देते हों, लेकिन जो घृणा का उपदेश देंगे, उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बता दें नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद उत्तर पूर्व के कई राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई विपक्षी पार्टियां भी इस बिल का विरोध कर रही हैं। हालांकि बिल को दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा ने पास कर दिया है, साथ ही बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून भी बन गया है। हालांकि इन विरोध प्रदर्शनों के चलते भारत-जापान के बीच होने वाली शिखर बैठक टाल दी गई है।
इस बैठक को गुवाहाटी में आयोजित किया जाना था, जिसमें जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे शिरकत करने वाले थे। इस बिल के तहत तीन पड़ोसी देश (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) में रहने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोग 6 साल तक भारत में रहने के बाद यहां की नागरिकता हासिल कर सकते हैं। हालांकि बिल में इन तीन देशों से आने वाले मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है।
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