नागरिकता संशोधन बिल हुआ पास तो बोलीं स्वरा भास्कर- 'जिन्ना का पुनर्जन्म हुआ है, हिन्दू पाकिस्तान को मेरा हैलो!'
नई दिल्ली। राजनीतिक हो या सामाजिक मुद्दा, बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हर पहलू पर अपनी राय बेबाकी से रखने के लिए जानी जाती है। वो ट्रोल भी खूब होती हैं। स्वरा को एक बार फिर ट्रोल किया जा रहा है। इस बार उन्होंने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद इसपर ट्वीट किया है। इस बील के सहारे स्वरा ले ट्वीट कर मोदी सरकार की आलोचना की है। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है। विधेयक के पक्ष में 311 तो इसके विपक्ष में 80 मत पड़े है । गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विधेयक पेश किया।
Recommended Video
स्वरा ने लिखा- हिंदू पाकिस्तान को मेरा हेलो
स्वरा भास्कर ने ट्वीट कर लिखा- (भारत में...) धर्म नागरिकता का आधार नहीं है। धर्म भेदभाव का आधार नहीं हो सकता। राज्य धर्म के आधार पर फैसला नहीं ले सकता। नागरिकता संशोधन बिल ने मुसलमानों को स्पष्ट रूप से बाहर रखा है.. "-NRC/CAB प्रोजेक्ट में जिन्ना का पुनर्जन्म हुआ है। हिन्दू पाकिस्तान को मेरा हैलो!
|
गौहर खान ने भी की है आलोचना
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पास होने के बाद गौहर खान ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बीते दिन को भारतीय लोकतंत्र के दुख भरा दिन बताया। गौहर खान का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही लोग इसपर खूब रिएक्शन भी दे रहे हैं। अपने ट्वीट में गौहर खान ने लिखा, "नागरिकता संशोधन विधेयक भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन है।"
जान लीजिए क्या है नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन विधेयक का उद्देश्य छह समुदायों - हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी - के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। बिल के जरिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके। चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है। खबरों के अनुसार, नए विधेयक में अन्य संशोधन भी किए गए हैं, ताकि 'गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे' लोगों तथा पड़ोसी देशों में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर भारत में शरण लेने वाले लोगों में स्पष्ट रूप से अंतर किया जा सके।
देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक का संसद के निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाना तय है, लेकिन राज्यसभा में, जहां केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसका पारित हो जाना आसान नहीं होगा।
निर्भया केस: फांसी देते वक्त मुजरिम के कान में क्या कहता है जल्लाद