नागरिकता बिल पर इन दो राज्यों के मुख्यमंत्री ने उठाए सवाल, लागू करने को लेकर कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली। लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में भी बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। इसके विरोध में संसद से लेकर सड़क तक प्रदर्शन हुआ लेकिन सरकार बिल को पास कराने में सफल रही। बिल के विरोध में भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रदर्शन उग्र हो गया है, आलम यह है कि हालात पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाना पड़ा है। देश के कई अन्य राज्य सरकारें हैं जो इसका विरोध कर रही हैं, केरल और पंजाब सरकार उन्हीं में से एक है।
नागरिकता संशोधन बिल को बताया असंवैधानिक
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रदेश में नागरिकता संशोधन बिल को लागू करने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बिल समानता और धर्मनिरपेक्षता की तोड़फोड़ करने की एक चाल है। इससे केंद्र सरकार भारत को धार्मिक तर्ज पर विभाजित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सीएबी असंवैधानिक है और केरल कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा।
पंजाब में नहीं होने देंगे लागू
नागरिकता बिल पास होने के बाद अब इसका विरोध भी तेज हो गया है। केरल के मुख्यमंत्री के बाद अब पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी नागरिकता बिल पर मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी।
पूर्व जस्टिस काटजू ने किया बिल का विरोध
सीएबी पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस काटजू ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश में आग लगी हुई है, असम भी कश्मीर की तरह जल रहा है। भगवान हनुमान ने तो सिर्फ सोने की लंका में आग लगाई थी लेकिन आधुनिक हनुमान जी तो पूरे भारत में आग लगा देंगे। गौरतलब है कि विपक्ष भी लगातार सीएबी का विरोध करता रहा है और बुधवार को राज्यसभा में 8 घंटे चली चर्चा के दौरान कई बार हंगामा किया।
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