अमित शाह बुधवार को राज्यसभा में पेश करेंगे नागरिकता संशोधन बिल
नई दिल्ली। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश करने जा रही है। जहां से पास होने की स्थिति में ही यह कानून की शक्ल ले लेगा। बीजेपी ने 10 और 11 दिसंबर को अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। नागरिकता संशोधन बिल 2019 सोमवार देर रात विपक्ष के हंगामे के बीच पास हो गया। केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पक्ष में 311 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह राज्य सभा में इस बिल को दोपहर दो बजे पेश कर सकते हैं। बुधवार दोपहर दो बजे से इस संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बहस होगी। लेकिन सत्ताधारी पार्टी के लिए राज्यसभा की डगर इतनी भी आसान नहीं है। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।
राज्यसभा में कुल 245 सांसद होते हैं। हालांकि वर्तमान सांसदों की संख्या 240 है। ऐसे में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहुमत पाने के लिए 121 सांसदों का समर्थन चाहिए। सत्ताधारी बीजेपी के पास कुल 83 राज्यसभा सांसद हैं। मतलब यह कि इस विधेयक को क़ानून की शक्ल देने के लिए बीजेपी को राज्यसभा में अन्य 37 सासंदों का समर्थन जुटाना होगा। अब अगर वोटिंग के दौरान अगर कुछ सांसद वॉकआउट कर जाते हैं तो बहुमत का आंकड़ा कम हो जाएगा।
भाजपा को अपने 83, जद (यू) के छह, अकाली दल के तीन तथा लोजपा और आरपीआई के एक-एक तथा 11 मनोनीत सदस्यों का समर्थन है। वहीं दूसरी तरफ अगर बात करें विपक्ष की की तो यूपीए के पास 110 सांसद हैं। जिसमें कांग्रेस के 46, डीएके के 5, आरजेडी के 4, शरद पवार की एनसीपी के 4, केरल कांग्रेस के 1, आईयूएमएल के 1, पीएमके,1 एमडीएमके के 1, एमडीएमके के 1, निर्दलीय 1 सांसद हैं। इसके साथ अन्य दलों की बात करें तो टीएमसी 13, समाजवादी पार्टी-9, सीपीएम-5, बीएसपी-4, आप-3, पीडीपी-2, सीपीआई-1, जेडीएस-1 समेत एक अन्य शामिल हैं।
नागरिकता बिल के विरोध में कांग्रेस का बुधवार को देशव्यापी प्रदर्शन