अमित शाह बोले- नागरिकता बिल कभी नहीं लाना पड़ता, यदि इस देश का बंटवारा नहीं होता
नई दिल्ली।नागरिकता संशोधन विधेयक आज दोपहर 12 बजे राज्यसभा में इस बिल को गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया। सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बिल को लेकर तीखी बहस हुई। शाम में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, कुछ सदस्यों ने बिल को असंवैधानिक बताया। मैं सभी का जवाब दूंगा। अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता। बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये बिल लाना पड़ा है। हमारे पास 5 साल के लिए बहुमत है, हम भी चाहते तो बाकी की सरकारों की तरह काम कर लेते, लेकिन मोदी सरकार देश की स्थिति को सुधारने के लिए आई है। हम देश की समस्याओं को सुलझाने के लिए सत्ता में आए हैं। लाखों लोग आज चीत्कार-चीत्कार कर कहते हैं। मेरे साथ अन्याय हुआ है।
अमित शाह ने कहा कि, हमने किसी के इरादों पर शंका नहीं की। इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। हम ध्यान भटकाने के लिए नहीं आए हैं। ये बिल 2015 में लेकर आए थे। पहले की सरकारों ने समाधान करने की कोशिश नहीं की। हम चुनावी राजनीति अपने दम पर लड़ते हैं। देश की समस्याओं का समाधान करना हमारा काम है। सरकारों का काम है। नेहरू-लियाकत समझौते के तहत दोनों पक्षों ने स्वीकृति दी कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बहुसंख्यकों की तरह समानता दी जाएगी, उनके व्यवसाय, अभिव्यक्ति और पूजा करने की आजादी भी सुनिश्चित की जाएगी, ये वादा अल्पसंख्यकों के साथ किया गया।
अमित शाह ने कहा कि, लेकिन वहां लोगों को चुनाव लड़ने से भी रोका गया, उनकी संख्या लगातार कम होती रही और यहां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चीफ जस्टिस जैसे कई उच्च पदों पर अल्पसंख्यक रहे। यहां अल्पसंख्यकों का संरक्षण हुआ। उन्होंने कहा कि, मैं पहली बार नागरिकता के अंदर संशोधन लेकर नहीं आया हूं, कई बार हुआ है। जब श्रीलंका के लोगों को नागरिकता दी तो उस समय बांग्लादेशियों को क्यों नहीं दी? जब युगांडा से लोगों को नागरिकता दी तो बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोगों को क्यों नहीं दी?
उन्होंने कहा कि, इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर कि मुस्लिम को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं? आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है। इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं। जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है। ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं। हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि, आज नरेन्द्र मोदी जी जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी। जिन्होंने जख्म दिए वही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे। कपिल सिब्बल कह रहे थे कि मुसलमान आपसे नहीं डरता है। मैं भी तो यही कह रहा हूं कि भारत में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक को, विशेषकर मुस्लिम भाइयों और बहनों को डरने की जरूरत नहीं है। इस बिल से किसी की नागरिकता छिनने नहीं जा रही है। इस देश के गृह मंत्री पर सभी का भरोसा होना चाहिए, फिर वे बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक।
अमित शाह ने कहा कि, दोनों बड़े वरिष्ठ वकील हैं सुप्रीम कोर्ट के। दोनों संसद को डरा रहे हैं कि संसद के दायरे में कोर्ट घुस जाएगा भला। कोर्ट ओपन है साहब। कोई भी व्यक्ति अदालतों में जा सकता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिए। हमारा काम अपनी विवेक, बुद्धि से कानून बनाना है और जो हमने किया है और मुझे विश्वास है कि यह कानून अदालत में भी सही पाया जाएगा।
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अमित शाह ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी अजीब प्रकार की पार्टी है। सत्ता में होती है तो अलग-अलग भूमिका में अलग-अलग सिद्धांत होते हैं। हम तो 1950 से कहते आए हैं कि अनुच्छेद 370 नहीं होना चाहिए। मैं सिक्किम और नॉर्थ ईस्ट के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आर्टिकल-371 को इस बिल की वजह से कोई दिक्कत नहीं होगी। हम कहीं से भी इस आर्टिकल को नहीं हटाने जा रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि, मुझे आइडिया ऑफ इंडिया की बात मत बताइए। मैं भी यहीं पैदा हुआ हूं और मेरी सात पुश्तें यहीं पैदा हुई हैं। मुझे आइडिया ऑफ इंडिया का अंदाजा है। इस बिल में मुसलमानों का कोई अधिकार नहीं जाता। ये नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का बिल नहीं है। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि भ्रामक प्रचार में मत आइए। इस बिल का भारत के मुसलमानों की नागरिकता से कोई संबंध नहीं है। इतिहास तय करेगा कि 70 साल से लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया था। इसको न्याय नरेन्द्र मोदी जी ने दिया, इतिहास इसको स्वर्ण अक्षरों से लिखेगा।
शाह ने कहा कि, कांग्रेस के नेताओं के बयान और पाकिस्तान के नेताओं के बयान कई बार घुलमिल जाते हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कल जो बयान दिया और जो बयान आज सदन में कांग्रेस के नेताओंं ने दिए वे एक समान हैं। आर्टिकल-370, एयरस्ट्राइक, कश्मीर और नागरिकता संशोधन विधेयक पर पाकिस्तान के नेताओं और कांग्रेस के नेताओं के बयान एक समान हैं। कांग्रेस के नेताओं के बयान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन में कोट किया। पाकिस्तान में हिन्दू-सिख लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। अफगानिस्तान में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ इसी तरह के जुल्म किए गए।
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