नागरिकता संशोधन बिल पर यूनाइटेड नेशंस ने कही बड़ी बात
नई दिल्ली। देश में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष सरकार के इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहा है। लेकिन इस बीच यूनाइटेड नेशंस ने इस बिल पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। लोकसभा में इस बिल को सोमवार को सरकार ने पास करा लिया था, जिसके बाद आज इस बिल को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह पेश करेंगे। माना जा रहा है कि सरकार राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने में सफल रहेगी, ऐसे में देखने वाली बात यह है कि आखिर किस तरह से विपक्ष इस बिल का विरोध करता है।
इस बिल के बारे में जब यूएन की प्रतिक्रिया मांगी गई तो इस बारे में यूएन यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटारेस के उपप्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि जहां तक मुझे इस बिल के बारे में जानकारी है, यह बिल विधायी प्रक्रिया से होकर गुजरेगा। ऐसे में घरेलू विधायी प्रक्रिया पर टिप्पणी करने की हमे कोई जरूरत नहीं है। हालांकि हक ने कहा कि हमारी इस बात को लेकर चिंता है कि सरकार किसी भी तरह का भेदभावपूर्ण कानून ना बनाए।
बता दें कि इस ऐतिहासिक बिल को सोमवार को लोकसभा में पास कर दिया गया है। इस बिल के समर्थन में कुल 311 वोट पड़ें जबकि विरोध में सिर्फ 80 वोट। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम नागरिकों को भारत की नागरिकता देने की बात कही गई है। इस बिल के जरिए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई समुदाय के लोग जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में गैर कानूनी तरीके से रह रहे हैं उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। अहम बात यह है कि राज्यसभा में एनडीए को इस बिल को पास कराने के लिए कम से कम 123 सांसदों की जरूरत होगी, सदन में कुल 245 सदस्य हैं।