Citizenship Amendment Act: जामिया हिंसा पर भड़कीं कोंकणा सेन, कहा-दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए
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नई दिल्ली। राजधानी के जामिया कैंपस में बवाल पर छात्रों का धरना खत्म हो गया है, देर रात 50 छात्रों की रिहाई के बाद पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन खत्म हो गया है, हालांकि जामिया कैंपस में हिंसा पर भारी तनाव है लेकिन जामिया में जो कुछ भी हुआ है उसकी चारों ओर निंदा हो रही है, लोगों के निशाने पर दिल्ली पुलिस है, जामिया विश्वविद्यालय के प्रशासन और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की. कैंपस में पुलिस ने काफी विद्यार्थियों पर लाठी चार्ज किया और आंसू गैस से भी वार किया।
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'दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए'
जो कुछ भी कल जामिया कैंपस में हुआ है उसकी फिल्म अभिनेत्री कोंकणा सेन ने कटु आलोचना की है, उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए,हम छात्रों के साथ हैं।' कोंकणा की इस पोस्ट का कई सारे यूजर्स समर्थन भी कर रहे हैं।
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नंदिता-स्वरा ने भी की निंदा
कोंकणा से पहले नंदिता दास और स्वरा भास्कर ने भी इस घटना पर गहरा रोष प्रकट किया है, नंदिता ने कहा जो भी हुआ है वो गलत है तो वहीं दूसरी ओर स्वरा ने ट्विवटर पर लिखा है कि 'यह कश्मीर या असम नहीं है, यह दिल्ली है। हमारे लोकतंत्र का तमाशा बना दिया गया है।
जामिया विवि की वीसी ने भी लगाए पुलिस पर आरोप
तो वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर ने कहा है कि पुलिस ने छात्रों के साथ जैसा व्यवहार किया, उससे वह काफी दुखी हैं। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में रविवार को काफी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया था। अब विश्वविद्यालय की वीसी ने कहा है कि वह इन छात्रों के साथ हैं।
दिल्ली पुलिस ने किया आरोपों से इनकार
तो वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्र आदि लोग कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। रविवार को भी छात्रों के कुछ ग्रुप ने प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस इन छात्रों का सहयोग कर रही थी। शाम करीब चार बजे सराय जुलैना की तरफ से डेढ़ से दो हजार छात्र आए और मथुरा रोड पर जाम लगाना शुरू किया। छात्रों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की तो उन्होंने पथराव और बसों में तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। छात्रों को पीछे हटाने के लिए हल्के बल का प्रयोग किया।
छात्र और स्टाफ के लोगों को चोटें आईं: विवि
जबकि विवि की ओर से कहा गया है कि दक्षिण दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने के तुरंत बाद पुलिस जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में घुस गई और छिपने के लिए परिसर में आए कुछ बाहरी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए विश्वविद्यालय के द्वारों को बंद कर दिया, जिसकी वजह से विवि के कई छात्र और स्टाफ के लोगों को चोटें आई हैं, पुलिस को छात्रों और प्रदर्शनकारियों के बीच का अंतर नहीं पता, ये बेहद शर्मनाक है।
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