CAA पर शरद पवार बोले- धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द बिगाड़ेगा ये एक्ट
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नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता दे रही है जो कि असंवैधानिक है। कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस कानून को असंवैधानिक बताया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। वहीं, तीन देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाले इस कानून पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सवाल उठाए हैं।
शरद पवार ने संशोधित नागरिकता कानून पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ही शरणार्थियों को क्यों इस कानून के तहत नागरिकता दी जा रही है, श्रीलंका के शरणार्थियों को इसमें जगह क्यों नहीं दी जा रही है। सिर्फ अल्पसंख्यक ही नहीं, बल्कि देश की एकता और प्रगति के बारे में सोचने वाले लोग संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये एक्ट धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा।
शरद पवार ने कहा कि इस कानून और एनआरसी के जरिए गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। बता दे कि एनसीपी भी अन्य विपक्षी दलों की तरह संशोधित नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार दे चुकी है। इस एक्ट के खिलाफ पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है।
NCP Chief Sharad Pawar: Why allow migrants only from Pakistan, Bangladesh and Afghanistan, under Citizenship Act? Why not from Sri Lanka also? pic.twitter.com/BC4t6AbfSC
— ANI (@ANI) December 21, 2019
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली और यूपी के कई जिलों में जमकर तांडव किया। वहीं, इन इलाकों में प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैंस के गोले भी दागे हैं। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें अकेले 12 लोगों की मौत उत्तर प्रदेश में हुई है। यूपी में हिंसा की बढ़़ती घटनाओं को देख ऐहतियात के तौर पर 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।