नागरिकता कानून पर बोले मेघालय के राज्यपाल, 'आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाएं'
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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर के कई राज्यों में जमकर विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों असम, त्रिपुरा के अलावा मेघालय में भी इस एक्ट का विरोध हो रहा है। जबकि मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में भी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कर्फ्यू लगाया है, जिसमें आज ढील दी गई है। वहीं, इस एक्ट पर विरोध के बीच मेघालय के राज्यपाल ने एक ऐसा बयान दिया है जिसपर विवाद बढ़ सकता है।
देश का कभी धर्म के नाम पर बंटवारा किया गया था - राज्यपाल
मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है, अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए। राज्यपाल परोक्ष रूप से नए नागरिकता एक्ट का समर्थन कर रहे थे। उन्होंने ट्वीट किया, 'विवाद के वर्तमान माहौल में दो बातों को कभी भूलना नहीं चाहिए। पहला कि, देश का कभी धर्म के नाम पर बंटवारा किया गया था और दूसरा कि, लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है।' उन्होंने इसी ट्वीट में आगे लिखा कि अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए।'
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..तो उत्तरी कोरिया चले जाएं- राज्यपाल
राजभवन के गेट पर प्रदर्शनकारियों के पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही उनका ये ट्वीट आया था। इस प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की गई थी, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया था, इस लाठीचार्ज में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। मेघालय के अलावा असम और त्रिपुरा में भी नागरिकता कानून का जबरदस्त विरोध हो रहा है। राज्य सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मेघालय में भी हो रहा नागरिकता कानून का विरोध
मेघालय में भी इंटरनेट और एसएमएस सर्विस पर रोक लगा दी गई है। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में सबसे अधिक उग्र प्रदर्शन असम में देखने को मिला है, जहां गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। इस प्रदर्शन को 30 छात्र संगठनों और वाम दलों का समर्थन मिल रहा है। असम में हजारों प्रदर्शनकारियों ने रेलवे और सड़कों पर प्रदर्शन किए। इस कारण राज्य में रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा, सचिवालय में घुसने की कोशिश की, पुलिस बेरिकेड्स तोड़े, आगजनी और तोड़फोड़ की।