जामिया, एमयू में पुलिस कार्रवाई पर भड़के कमल हासन, बोले- छात्रों के लिए आवाज उठाता रहूंगा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जामिया मिलिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई को कमल हासन ने गलत कहा है। मक्कल नीधि मय्यम अध्यक्ष हासन ने कहा, युवा बहुत जागरूक हैं और उनको सत्ता में बैठे लोगों से जरूर सवाल करना चाहिए। अगर उनके सवालों को दबाया जाता है और इस तरह से कार्रवाई की जाती है तो यह लोकतंत्र को खतरे में डालता है।
हासन ने कहा, छात्रों के लिए आवाज उठाने के लिए स्टूडेंट होने की जरूरत नहीं। अपने क्षेत्र में मैं भी एक छात्र हूं, और मैं हमेशा छात्रों के लिए आवाज उठाता रहूंगा। उन्होंने कहा है कि नागरिकता कानून के खिलाफ वह लड़ाई कानूनी तरीके से आगे बढ़ेंगे।
हाल ही में संसद से पास हुए विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के जामिया मिलिया में बीते कई दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को ओखला क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। जामिया प्रशासन का कहना है कि परिसर में भीतर घुसकर पुलिस ने छात्रों को पीटा है। इसी पर कमल ने प्रतिक्रिया दी है।
नागरिकता कानून के देश के तकरीबन हर हिस्से में विरोध हो रहा है। असम, त्रिपुरा और मेघालय में बीते एक हफ्ते से जनजीवन ठप है। तो दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन हुए हैं। दिल्ली, बंगाल और कई हिस्सों में हिंसा भी हुई है। वहीं देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों के छात्र भी लगातार कानून के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं।
नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 बीते हफ्ते सदन से पास हुआ है। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई संगठन भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी दो दर्जन से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। सर्वोच्च अदालत में अब तक पीस पार्टी, रिहाई मंच, जयराम रमेश, प्रद्योत देब बर्मन, जन अधिकार पार्टी, एमएल शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा की ओर से याचिकाएं डाली गई हैं। इनकी मांग है कि इस कानून को रद्द कर दिया जाए।
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