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कोरोना के कहर के बीच भारतीय उद्योग परिसंघ के सर्वे ने बढ़ाई लोगों की चिंता

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप और उसके बाद के देशव्यापी लॉकडाउन ने घरेलू अर्थव्यवस्था को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। कोरोना महामारी के चलते अधिकांश कंपनियों की मौजूदा और पिछली तिमाहियों में उल्लेखनीय गिरावट की उम्मीद है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) एक सर्वे में अंदेशा जताया गया है कि, भारी संख्या में लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। सीआईआई के करीब 200 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के बीच किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण 'सीआईआई सीईओ स्नैप पोल' के मुताबिक मांग में कमी से ज्यादातर कंपनियों की आय गिरी है। इससे नौकरियां जाने का अंदेशा है।

कंपनियों की आय में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी

कंपनियों की आय में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी

सीआईआई सर्वे के मुताबिक, चालू तिमाही (अप्रैल -जून) और पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान अधिकांश कंपनियों की आय में 10 प्रतिशत से अधिक कमी आने की आशंका है और इससे उनका लाभ दोनों तिमाहियों में पांच प्रतिशत से अधिक गिर सकता है। सीआईआई ने कहा, घरेलू कंपनियों आय और लाभ दोनों में इस तेज गिरावट का असर देश की आर्थिक वृद्धि दर पर भी पड़ेगा। रोजगार के स्तर पर इनसे संबंधित क्षेत्रों में 52 प्रतिशत तक नौकरियां कम हो सकती हैं।

47 प्रतिशत कंपनियों में 15 प्रतिशत से कम नौकरियां जाने की संभावना

47 प्रतिशत कंपनियों में 15 प्रतिशत से कम नौकरियां जाने की संभावना

सर्वे के अनुसार लॉकडाउन खत्म होने के बाद 47 प्रतिशत कंपनियों में 15 प्रतिशत से कम नौकरियां जाने की संभावना है। वहीं 32 प्रतिशत कंपनियों में नौकरियां जाने की दर 15 से 30 प्रतिशत होगी। इसके अलावा, अधिकांश फर्मों (80 प्रतिशत) ने दावा किया है कि उनकी इन्वेंट्री वर्तमान में बेकार पड़ी है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद 40 प्रतिशत से अधिक फर्मों को अपने स्टॉक एक महीने से अधिक समय तक चलने की उम्मीद है। पोस्ट लॉकडाउन अवधि में मंदी के कारण कंपनियों को मांग बढ़ने की उम्मीद है।

लॉकडाउन के चलते संकट और गहराया

लॉकडाउन के चलते संकट और गहराया

इस लॉकडाउन के दौरान, आवश्यक उत्पादों के उत्पादन और जरूरी सामानों की आपूर्ति से जुड़ी अधिकांश कंपनियां परिचालन बाधाओं का सामना कर रही हैं। सीईओ ने खुलासा किया है कि लोगों तक पहुंच और उत्पादों की आवाजाही जरूरी सामानों के व्यापार में प्रमुख बाधाओं के रूप में उभरी है। यह विनिर्माण, भंडारण और परिवहन, या इन आवश्यक वस्तुओं की खुदरा बिक्री है। जबकि केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के विनिर्माण, परिवहन और वितरण की अनुमति दी है। आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के संबंध में स्थानीय स्तर पर भी लॉकडाउन लागू किया जा रहा है।

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English summary
CII poll claims 52 percent of firms expect job losses due to corona epidemic
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