सिगेरट-तंबाकू पैकेट पर 85% हिस्से में छापनी होगी सचित्र वैधानिक चेतावनी- SC
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसला को रद्द कर दिया है, जिसमें सिगरेट और तंबाक के पैकेट पर वैधानिक चेतावनी का दायरा 40 फीसदी था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को सुनाए गए फैसले के मुताबिक अब सिगरेट और तंबाकू पैकेट पर दोनों ओर 85 फीसदी हिस्से में सचित्र वैधानिक चेतावनी छापनी होगी। सिगरेट और तंबाकू पैकेट पर चेतावनी छापने पर करीब एक घंटा सुनवाई चली।
बता दें, पहले सिगरेट और तंबाकू के पैकटों पर 85 प्रतिशत हिस्से में वैधानिक चेतावनी सचित्र लिखी जाती थी, लेकिन कुछ समय पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश को पलटा दिया और इसे 40 फीसदी कर दिया था।
इसी आदेश के खिलाफ कुछ सामाजिक संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इसे 82 फीसदी कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अब 12 मार्च को अगली सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि सिगरेट की वजह से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, कैंसर और दिल की बीमारियां होती हैं, इस कारण से 85 प्रतिशत हिस्से में वैधानिक चेतावनी देने का नियम सही है।
इस मामले में सिगरेट निर्माता कंपनियों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र के रुख का विरोध किया। सिब्बल का कहना था कि 85 फीसदी वैधानिक चेतावनी वाला नियम लगाते समय कोई मेडिकल स्टडी नहीं की गई है। बिना किसी मेडिकल स्टडी के केंद्र सरकार को लगता है कि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और अगर ये इतना हानिकारक है तो इस पर रोक क्यों नहीं लगा देती।
सुनवाई के दौरान कपित सिब्बल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बिक्री पर रोक नहीं लगा सकती तो हम वैधानिक चेतावनी को चुनौती दे सकते हैं। वैसे भी 2014 से पहले वैधानिक चेतावनी केवल डिब्बे के एक ओर सिर्फ 40 फीसदी हिस्से पर ही होती थी।
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