Christmas 2020: जानें क्यों और कब से चली आ रही है क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा, क्या है इसके पीछे की कहानी
Christmas 2020: जानें क्यों और कब से चली आ रही है क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा, क्या है इसके पीछे की कहानी
Christmas tree History and significance: क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जो पूरे विश्व में 25 दिसंबर को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि कोरोना काल में क्रिसमस को सेलिब्रेट करने के तरीकों में बदलाव जरूर आएगा लेकिन खुशी और उत्साह लोगों में उतना ही देखने को मिलेगा। क्रिसमस का नाम सुनते ही दिमाग में दो ही ख्याल सबसे पहले आता है पहला है, क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) और दूसरा सांता क्लॉस (Santa Claus)। तो आइए आपको बताते हैं कि क्रिसमस के त्योहार में क्रिसमस ट्री की भूमिका कब से हैं और इसे सजाने की परंपरा कब से चली आ रही है।
Recommended Video
क्रिसमस ट्री का इतिहास
क्रिसमस ट्री को लेकर यूं तो कई तरह की कहानियां हैं। हालांकि इस क्रिसमस ट्री को पहली बार इस्तेमाल कब किया गया, इतिहास में इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसा माना जाता है कि सबसे पहसे क्रिसमस ट्री को 1510 में उत्तरी यूरोप के देश लातविया के रीगा में सजाया गया था। जर्मनी में सबसे पहले क्रिसमस ट्री को सेब, जिंजरब्रेड, वेफर्स और मिठाई, चॉकलेट से सजाया गया था। कहा जाता है कि यहीं से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा चली आ रही है।
यूरोप के लोग सर्दियों में ज्यादातर सदाबहार पेड़ों को काटकर अपने घरों में सजाते थे। इसी प्रचलन को जारी रखते हुए लोग आज भी इस पेड़ को अपने-अपने घरों में सजाते हैं। हालांकि कई देशों में तरह-तरह के पेड़ों को क्रिसमस ट्री के तौर पर सजाया जाता है। जैसे की न्यूजीलैंड में Pohutakawa नाम के पेड़ को क्रिसमस ट्री के तौर पर सजाया जाता है। इस पेड़ में लाल फूल होते हैं। हालांकि ज्यादातर देशों में सदाबहार पेड़ों को ही सजाने की परंपरा है।
19 के दशक में आर्टिफिशियल क्रिसमस ट्री का ट्रेंड
हालांकि अब इस बात पर ज्यादा चर्चा नहीं होती हैं कि क्रिसमस का ट्री कौन सा होगा...क्योंकि 19 के दशक में जर्मनी से सबसे पहले आर्टिफिशियल क्रिसमस ट्री को बनाया गया था। जिसके बाद आर्टिफिशियल क्रिसमस ट्री का ट्रेंड सा चल गया। आजकल हर कोई मार्केट में मिलने वाली आर्टिफिशियल क्रिसमस ट्री को अपने घर में लाकर सजाते हैं।
क्रिसमस ट्री क्यों घर में सजाया जाता है इसके पीछे के कारणों के बारे में भी कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि असली क्रिसमस ट्री हवा में मौजूद गंदगी और पोलेन को हटाता है।
क्यों मनाया जाता है क्रिसमस (History of Christmas)
क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से ही पड़ा है। कहा जाता है कि सबसे पहले ये क्रिसमस 336 AD में 25 दिसंबर को एक इसाई धर्म के रोमन शासक ने मनाया था। वह वह रोमन साम्राज्य का पहला ईसाई राजा था। जिसके कई सालों बाद पोप जूलियस ने घोषणा की थी कि 25 दिसंबर को जीसस के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाएगा।
25 दिसंबर को जीसस क्रिस्ट का जन्म हुआ था, इसको लेकर भी एक कहानी प्रचलित है। ईसाई धर्म के मुताबिक मैरी यानी जीसस की मां को इस बात का पहले से ही आभास हो गया था कि वो एक अद्भुत बच्चे को जन्म देने वाली है। जिसको लेकर मैरी ने 25 मार्च को ऐलान किया था कि वो एक चमत्कारी बच्चे को जन्म देने वाली है। इसलिए लोगों ने 25 मार्च से ठीक 9 महीने बाद 25 दिसंबर को जीसस का जन्मदिन मान लिया।
ये भी पढ़ें- Christmas 2020: क्रिसमस पर किए जाने वाले वो चार काम, जो देते हैं बेहतर जिंदगी की शिक्षा