तीन राज्यों में भाजपा की हार के अगले दिन चिराग पासवान ने वित्त मंत्रालय से पूछा नोटबंदी से क्या फायदा हुआ?
नई दिल्ली। बिहार में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगियों के बगावती सुर ने 2019 के चुनाव से पहले पार्टी की मुश्किल को बढ़ा दिया है। जिस तरह से मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, उसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखकर पूछा था कि नोटबंदी से हुए लाभ की जानकारी मुहैया कराई जाए, जिससे कि इसके फायदे के बारे में लोगों को चुनाव के दौरान बताया जा सके।
2016 के पत्र का भी किया जिक्र
पासवान ने यह पत्र तीन राज्यों में चुनाव नतीजों के ठीक एक दिन बाद 12 दिसंबर को लिखा था। उन्होंने लिखा था कि मैं निवेदन करता हूं कि देश को पिछले दो साल में नोटबंदी से किस तरह से फायदा हुआ है उसकी जानकारी दी जाए, 2019 के लोकसभा चुनाव काफी करीब हैं, लिहाजा नोटबंदी के फायदे लिस्ट मुहैया कराई जाए, जिससे कि मैं चुनाव के दौरान इसके फायदे के बारे में लोगों को जानकारी दे सकूं। इस पत्र में उन्होंने उस पत्र का भी जिक्र किया जो उन्होंने 17 नवंबर 2016 को नोटबंदी के 10 दिन बाद लिखा था। इस पत्र में पासवान ने अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को नोट बदलने में हो रही समस्या का जिक्र किया था।
सीट बंटवारे को लेकर छिड़ी रार
दरअसल चिराग पासवान ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ सीट बंटवारे को लेकर खुलकर अपनी बात रखी थी, जिसके बाद लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस बात की कोशिश हो रही है कि एलजेपी को मनाया जा सके। खुद एलजेपी के मुखिया राम विलास पासवान ने भाजपा के महासचिव और बिहार के इंचार्ज भूपेंद्र सिंह यादव से मुलाकात की थी और उनसे एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर बात की थी। इसके अलावा पासवान ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी सीट बंटवारे को लेकर बात की थी।
बैठकों का दौर जारी
माना जा रहा है कि शाह के साथ हुई बैठक के बाद राम विलास पासवान खुश नहीं थे, ऐसे में आज उनकी मुलाकात वित्त मंत्री अरुण जेटली से हो सकती है। आपको बता दें कि चिराग पासवान ने ट्वीट करके कहा था कि चिराग ने ट्वीट करके लिखा था कि टी॰डी॰पी॰ व रालोसपा के एन॰डी॰ए॰ गठबंधन से जाने के बाद एन॰डी॰ए॰ गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है।ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथीयों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें।
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