चिराग पासवान पर बरसे चंद्रिका राय, कहा- 'दिल्ली में 5 स्टार कल्चर लाइफ जीने वाले क्या जानें जमीनी हकीकत'
नई दिल्ली। बिहार में दूसरे चरण के तहत आज 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान जारी है, मंगलवार को आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव के ससुर और बिहार की परसा सीट से जेडीयू के प्रत्याशी चंद्रिका राय ने भी छपरा जिले में परिवार सहित अपना वोट डाला और इसके बाद मीडिया से बात करते हुए वो जमकर लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान पर बरसे, उन्होंने कहा कि वो दिल्ली में 5 स्टार होटल की तरह रहते हैं, बढ़िया कपड़े पहनते हैं, उन्हें राज्य की जमीनी हकीकत कहां से पता होगी, वो सच्चाई जानते ही नहीं हैं इसलिए वो कुछ भी कह रहे हैं।
उन्होंने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी के वादे पर भी कहा कि अगर 10 लाख सरकारी नौकरी देना इतना आसान होता तो हर कोई ऐसे वादे करता, लेकिन यह आसान नहीं है। गौरतलब है चिराग पासवान लगातार कह रहे हैं कि इस बार नीतीश कुमार की विदाई तय है, जनता उनसे ऊब चुकी है, सीएम खुद जानते हैं कि वह जीतने नहीं जा रहे हैं, जनता की तरह वो भी जानते हैं कि उन्होंने राज्य के लिए कुछ किया तो है नहीं, ऐसे में उनके जीतने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
(देखें:जेडीयू के प्रत्याशी चंद्रिका राय का Video)
एक भी बिहारी नीतीश कुमार को वोट देने वाला नहीं
पीएम मोदी खुद राज्य में कई रैलियां कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है कि इस बार चुनाव में एक भी बिहारी नीतीश कुमार को वोट देने वाला नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कुछ लोग शराबबंदी की बात करते हैं लेकिन फिर भी यहां शराब हर जगह उपलब्ध है। सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि शराब की तस्करी हो रही है। लेकिन जब वह इन गतिविधियों के बारे में जानते हैं, तो वह इन्हें रोकने के लिए काम क्यों नहीं कर रहे हैं। जब उनसे इसके बारे में पूछा जाता है तो वह रक्षात्मक क्यों हो जाते हैं, ऐसे बहुत सारे सवाल हैं, जिनका जवाब नीतीश कुमार दे नहीं पा रहे हैं।
10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा
तो वहीं अपनी चुनावी रैलियों में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RLD Leader Tejashwi Yadav) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सरकारी बजट का 80 हज़ार करोड़ रुपए खर्च नहीं होता, लेकिन अगर उसके बाद भी 10 लाख युवाओं को नौकरी देने के लिए पैसे कम पड़े तो मुख्यमंत्री, मंत्री समेत सभी विधायकों की सैलरी में कटौती की जाएगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि बेरोजगारी रेट बिहार का 46.68 है, बिहार में पैसा खर्च नहीं होता है इसलिए बिहार पिछड़ा है।