क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

चिंतपूर्णी मंदिर में 25 दिनों में 1.06 करोड़ का चढ़ावा, बना चर्चा का विषय, जानें इसका महत्व और इतिहास

चिंतपूर्णी मंदिर में 25 दिनों में 1.06 करोड़ का चढ़ावा, बना चर्चा का विषय, जानें इसका महत्व और इतिहास

Google Oneindia News

नई दिल्ली: Maa Chintpurni Temple: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित चिंतपूर्णी मंदिर पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। (Himachal Pradesh Chintpurni Temple) कोरोना काल में अन्य मंदिरों की तरह ये मंदिर भी बंद पड़ा था। हिमाचल प्रदेश में अनलॉक की गाइडलाइन्स के बाद यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। चिंतपूर्णी मंदिर में 10 सितंबर से 5 अक्टूबर 2020 तक एक करोड़ 6 लाख से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ा है। इसी बात को लेकर ये मंदिर एक बार फिर से चर्चाओं में है। चिंतपूर्णी धाम (Maa Chintpurni Dhaam) हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलो में से एक है। ये देश की 51 शक्ति पीठों में से एक है। आइए इसके इतिहास और महत्व के बार में जानते हैं।

बॉर्डर खुलने के बाद चिंतपूर्णी मंदिर में बढ़े सैलानी

बॉर्डर खुलने के बाद चिंतपूर्णी मंदिर में बढ़े सैलानी

हिमाचल के बॉर्डर खुलने के बाद चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। इस मंदिर में हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से भारी मात्रा में लोग दर्शन करने आते हैं। मंदिर खुलने के बाद आठ अक्टूबर तक करीब 82 हजार श्रद्धालु माता के दर्शन कर चुके हैं और एक करोड़ 6 लाख 43 हजार 222 रुपये की नकदी चढ़ावा इस मंदिर में चढ़ाया गया है।

चिंतपूर्णी धाम पर माता सती के चरण गिर थे। ये धाम अपने प्रकृति का सुंदर नजारा के लिए भी जाना जाता है। उत्तर भारत की नौ देवियों में चिंतपूर्णी का पांचवा दर्शन होता है। वैष्णो देवी से शुरू होने वाली नौ देवी माताओं की यात्रा मे मां चामुण्डा देवी, मां वज्रेश्वरी देवी, मां ज्वाला देवी के बाद मां चिंतपूर्णी देवी के दर्शन किए जाते हैं। उसके बाद मां नैना देवी, मां मनसा देवी, मां कालिका देवी और मां शाकुम्भरी देवी के दर्शन किए जाते हैं।

चिंतपूर्णी मंदिर का इतिहास

चिंतपूर्णी मंदिर का इतिहास

चिंतपूर्णी मंदिर का इतिहास भी देश के सभी 51 शक्ति पीठ मंदिरों से जुड़ा है। कहा जाता है कि सभी शक्ति पीठ मंदिर मां सती (शक्ति) और भगवान शिव से जुड़े हैं। शिवपुराण के मुताबिक भारत के सभी 51 शक्ति पीठ पर देवी सती के अंग गिरे थे। ग्रंथों के मुताबिक सती के पिता और शिव के ससुर राजा दक्ष ने यज्ञ के आयोजन में माता सती और भगवान शिव को न्यौता नहीं भेजा था।

इसी बाद से नाराज मां सती यज्ञ में पहुंच गई, जहां हुए शिव के अपमान को वह सहन न कर सकीं और यज्ञ को भंग करने के लिए हवन कुण्ड में कुद गईं। इसके बाद भगवान शिव ने मां सती को गोद में उठाकर क्रोध में तांडव किया था। जिसके बाद ब्रह्माण्‍ड को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर के अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागो में बांट दिया, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में गिरे, जिसे आज शक्ति पीठ के नाम से जाना जाता है। चिंतपूर्णी मंदिर में माता सती के चरण (पांव) गिरे थे।

चिंतपूर्णी मंदिर से जुड़ी जरूरी बातें

चिंतपूर्णी मंदिर से जुड़ी जरूरी बातें

चिंतपूर्णी गांव जिला ऊना में पड़ता है, इस मंदिर के नाम से ही गांव का नाम भी है। चिंतपूर्णी मंदिर सोला सिग्ही श्रेणी की पहाड़ी पर स्थित है। होशियारपुर-धर्मशिला रोड से चिंतपूर्णी मंदिर 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह रोड राज्य हाईवे से जुड़ा है।

आप यहां गाड़ी से मंदिर के एकदम पास तक नहीं पहुंच सकते हैं। डेढ़ किलोमीटर आपको पैदल चलना होता है। चढ़ाई का आधा रास्ता सीधा है और उसके बाद का रास्ता सीढ़ीदार है।

गर्मी के समय में मंदिर के खुलने का समय सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक है। सर्दियों में मंदिर सुबह 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुलता है।

चिंतपूर्णी मंदिर की बनावट

चिंतपूर्णी मंदिर की बनावट

मंदिर बहुत ज्यादा विशाल नहीं है। मंदिर के मुख्य द्वार पर प्रवेश करते ही दाएं ओर एक बड़ा पत्थर है, कहा जाता है कि ये पत्थर माईदास का है। यही वह स्थान है जहां पर माता सती ने भक्त माईदास को दर्शन दिये थे। कहा जाता है कि पंडित माईदास द्वारा ही माता के इस पावन धाम की खोज की गई थी।

मंदिर के बीच में माता का गोल आकार का पिंडी है। जिसके दर्शन के लिए लोग लाइन में खड़े होते हैं। मंदिर के साथ ही में वट का वृक्ष है जहां पर लोग कच्ची मोली बांधते हैं और मनोकामना मांगते हैं।

मंदिर के पश्चिम में एक बड़ का पेड़ है। जिसके पास भैरों और गणेश का मंदिर है। मंदिर के मुख्य द्वार पर सोने की परत चढ़ी है। इस मुख्य द्वार का प्रयोग नवरात्रि के समय में किया जाता है। मंदिर की सीढ़ियों से उतरते वक्त उत्तर दिशा में तालाब है। पंडित माईदास की समाधि भी तालाब के पश्चिम दिशा में मौजूद है।

ये भी पढ़ें- तस्वीरों में देखें दुर्गा पूजा के लिए किस तरह हो रही है तैयारियां

English summary
Chintpurni Temple offering 1.06 crore in 25 days, maa chintpurni dham history and importance
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X