हिंद महासागर में घुसा चीनी रिसर्च जहाज, इंडियन नेवी की वॉरशिप को देखकर भागा
नई दिल्ली- जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में जबर्दस्त तनाव चल रहा है, उस दौरान चीन के एक रिसर्च जहाज के हिंद महासागर में घुसने की जानकारी सामने आई है। चीन के उस कथित रिसर्च जहाज पर भारतीय नौसेना के जंगी जहाजों की शुरू से नजर लगी हुई थी और आखिरकार वह हिंद महासागर से भागने को मजबूर हो गया। पिछले कुछ समय से चीन की ऐसी हरकतें काफी बढ़ गई हैं और यही वजह है कि गलवान की घटना के बाद से भारत ने हिंद महासागर में अपनी चौकसी बढ़ा रखी है। यही नहीं कुछ दिन पहले खबर आ चुकी है कि गलवान के बाद चीन पर नजर रखने के लिए दक्षिण चीन सागर में भी भारतीय नौसेना ने अपने जंगी जहाज भेज दिए थे।
नौसेना का जंगी जहाज देखकर भागा चीनी रिसर्च जहाज
पिछले महीने जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव जारी था तो चीन का युआन वांग क्लास का एक रिसर्च जहाज मलक्का स्ट्रेट के रास्ते हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हो गया था। सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि चीन के उस जहाज की गतिविधियों को उस इलाके में तैनात भारतीय जंगी जहाज लगातार ट्रैक कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक जब चीन के उस रिसर्च जहाज को महसूस हो गया कि भारतीय नौसेना के जहाज उसपर लगातार नजर रख रहे हैं तो कुछ दिन पहले ही वह वापस चीन लौटने को मजबूर हो गया। दरअसल, चीन अक्सर इस तरह के रिसर्च जहाज भेजता रहता है और उसके जरिए वह भारतीय समुद्री क्षेत्र के बारे में संवेदनशील सूचनाएं जुटाने की कोशिश करता है।
पहले भी भाग चुका है चीनी जहाज
पिछले साल दिसंबर में अंडमान और निकाबोर द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर के पास चीन का रिसर्च जहाज शी यान 1 भारत के समुद्री इलाके में आकर कथित तौर पर रिसर्च गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। लेकिन, उस इलाके में तैनात मैरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने उसका पता लगा लिया। हो सकता है कि चीन ऐसे रिसर्च जहाजों का इस्तेमाल अंडमान से भारत की ओर से हिंद महासागर और दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों की जासूसी के लिए कर रहा हो। लेकिन, कानून इंडियन एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में किसी भी दूसरे देश को रिसर्च या खोज की गतिविधियों को अंजाम देने की इजाजत नहीं देता, इसलिए भारतीय जंगी जहाजों ने उस समय चीन के रिसर्च जहाज को फौरन भारतीय समुद्र से निकल जाने को कह दिया था।
भारतीय नौसेना ने बढ़ा दी है चौकसी
बता दें कि मलक्का स्ट्रेट के जरिए दिसंबर, 2019 से जनवरी 2020 के बीच करीब 6 चीनी रिसर्च जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में घुसे हुए देखे गए हैं। सुरक्षा एक्सपर्ट का मानना है कि चीन की हरकतों पर चौकन्ना रहने की जरूरत है। वैसे गलवान घाटी की घटना के बाद से ही भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी निगरानी काफी बढ़ा दी है। अभी हाल ही में खबर आई थी कि चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंडियन नेवी ने दक्षिण चीन सागर में भी अपने जंगी जहाज भेज दिए थे। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी जंगी जहाज भी पिछले कुछ महीनों से काफी सक्रिय हैं और चीन की ओर से होने वाले किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
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