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BRICS में भाग लेने चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping आ सकते हैं हिंदुस्तान, जानिए भारत के लिए कितना रखता है मायने

BRICS सम्मेलन में भाग लेने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल भारत का दौरा कर सकते हैं।

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नई दिल्ली/बीजिंग: चीन ने अचानक ब्रिक्स सम्मेलन में मेजबानी के लिए भारत के नाम का समर्थन कर दिया। चीन का भारत के नाम का समर्थन करना चौंकाने से कम नहीं था और अगर भारत ब्रिक्स की मेजबानी करेगा तो जाहिर है उसमें भाग लेने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत का दौरा करना होगा। माना जा रहा है कि अगर भारत में कोविड संक्रमण काबू में कर लिया गया तो इस जून या जुलाई के महीने में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत का दौरा कर सकते हैं।

XI JINPING JHULA

अचानक बदले चीन के सुर

पिछले एक साल से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव है और एक वक्त तो युद्ध जैसे हालात बन गये थे। लेकिन, अचानक चीन पैंगोंग सो से अपनी सेना हटाने के लिए राजी हो गया और उसने पैंगोग सो के पास बनाए अपने टैंट और निर्माणकार्य को हटा दिया और चीनी सेना पीछे हो गई है। चीन फिर से भारत को महत्वपूर्ण सहयोगी जैसे शब्दों से नवाजने लगा है और यहां तक की ब्रिक्स की मेजबानी को लेकर भारत का समर्थन कर दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर चीन के मन में क्या चल रहा है और ड्रैगन ने अचानक जहर उगलना क्यों बंद कर दिया है। तो जानकार बताते हैं कि चीन जानता है कि बदलते वैश्विक हालात में चीन के खिलाफ जब दूसरी महाशक्तियां सामने आ रही हैं तो इस वक्त वो नरमी दिखाए।

भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेजी से जारी है और कोरोना पर बहुत हद तक लगाम लगाया जा चुका है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि इस साल होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए शी जिनपिंग भारत का दौरा सकते हैं और अगर शी जिनपिंग भारत आते हैं तो उनकी मुलाकात भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हो सकती है। चीनी विदेशमंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि चीन के लिए ब्रिक्स काफी मायने रखता है और ब्रिक्स के जरिए चीन रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने का पक्षधर है। चीन ने अपने बयान में कहा है कि चीन ब्रिक्स सम्मेलन के जरिए सभी देशों के बीच एकजुटता और सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहता है।

XI JINPING NARENDRA MODI

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भारत करेगा ब्रिक्स की मेजबानी

19 फरवरी को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुषमा स्वराज भवन में इंडिया ब्रिक्स 2021 वेबसाइट लॉन्च किया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजिंग ब्रिक्स के लिए नई दिल्ली के मेजबानी का समर्थन करता है। ब्रिक्स उभरते वैश्विक बाजार का प्रतिनिधित्व करता है करता है जिसके सहयोग से ग्लोबल इंन्फुएंस को बढ़ाया जा सकता है। भारत उस वक्त ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है। हालांकि, सरहद पर शांति स्थापना के लिए दोनों देश तैयार हो चुके हैं और बॉर्डर पर पहले जैसी स्थिति बहाल करने के लिए दोनों देश तैयार हो चुके हैं।

पिछली बार जब सी जिनपिंग भारत आये थे तो भारत में बेहद गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया गया था। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के साथ संबंध सुधारने के लिए शी जिनपिंग को झूला भी झुलाया था मगर माना जा रहा है कि इस बार शी जिनपिंग के साथ भारत निश्चित दूरी बरतेगा।

ब्रिक्स सम्मेलन का महत्व

ब्रिक्स वैश्विक व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को मजबूती देने वाला अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। जिसमें ब्राजील, भारत, रूस, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। 12वां ब्रिक्स सम्मेलन वर्चुअली रूस में 17 नबंबर 2020 को रूस की मेजबानी में आयोजित किया गया था। एक समूह के तौर पर ब्रिक्स दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी वाली पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। वैश्विक स्तर पर गरीबी से निपटने के लिए भी ब्रिक्स अहम योगदान देता रहा है। 2014 में ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापनी की थी जिसे ब्रिक्स के लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना गया। स्थापना के साथ ही ब्रिक्स में भारत अहम स्थान निभाता आया है। भारत शुरू से ही वैश्विक आर्थिक विकास, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स के मंच हो महत्वपूर्ण स्थान देता रहा है। वहीं, भारत ने चीन के साथ अपने जटिल संबंध में सुधार लाने के लिए भी BRICS के मंच का उपयोग करने की कोशिश की है।

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English summary
Chinese President Xi Jinping is expected to visit India this year to attend the BRICS conference.
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