चीनी उत्पाद के बहिष्कार के बीच, चीन की मोबाइल कंपनी ओप्पो को मजबूरन रद्द करना पड़ा नए फोन का लाइव लॉन्च
नई दिल्ली। लद्दाख में भारत-चीन की सेनाओं के बीच तनाव के बीच जिस तरह से देश के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए उसके बाद भारत में चीनी उत्पादों का बहिष्कार काफी तेज हो गया है। चीनी उत्पादों के बहिष्कार के बीच चीन की मोबाइल कंपनी ओप्पो ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन के लाइव ऑनलाइन लॉन्च को रद्द कर दिया है। भारत-चीन विवाद के बीच भारत में कई व्यापारियों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार का फैसला लिया है, जिसके चलते चीन की मोबाइल कंपनी ने यह फैसला लिया है।
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चीनी कंपनियों को हो सकता है बड़ा नुकसान
भारत-चीन के बीच बढ़ते विवाद की वजह से देश में लोगों का चीन के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर चीन की बड़ी-बड़ी कंपनियों और भारत में चीनी कंपनियां जिन्होंने निवेश किया है, उनपर पड़ रहा है। ये तमाम चीनी कंपनियां जिन्होंने भारत में बड़ा निवेश किया है वो कोरोना संक्रमण के बाद भारत-चीन सीमा विवाद के चलते बड़े नुकसान को लेकर चिंतित हैं। चीनी की बड़ी कंपनियां ग्रेट वॉल, साइक, बाइटेंडेंस ने भारत में बड़ा निवेश किया है और इनमे से कई कंपनियों में चीन की सबसे बड़ी कंपनी अलीबाबा ने भी निवेश किया है। चीन के स्मार्ट फोन ब्रांड ओप्पो, शाओमी भारत के तकरीबन हर घर में हैं। भारत में बिकने वाले हर 10 स्मार्टफोन में से 8 स्मार्टफोन चीनी कंपनी के हैं।
लॉन्च की जगह भारत को दी गई मदद की दी जा रही जानकारी
बता दें कि ओप्पो कंपनी का फोन असेंबलिंग काक प्लांट भारत में है। ओप्पो कंपनी ने हाल ही में कहा था कि वह अपने स्मार्ट फोन Find X2 मॉडल को बुधवार को लाइव लॉन्च करेगी। बुधवार को यूट्यूब लिंक पर शाम 4 बजे इस फोन को लॉन्च किया जाना था, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है। कंपनी ने फोन को लॉन्च करने की बजाए एक 20 मिनट का पहले से रिकॉर्ड किया गया वीडियो साझा किया है, जिसमे ओप्पो कंपनी द्वारा भारत को कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में क्या मदद की गई है, इसकी जानकारी दी गई है।
आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया
हालांकि ओप्पो की ओर से इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई है कि आखिर क्यों इस लॉन्च को रद्द किया गया है। लेकिन कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आलोचना से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि चीन के साथ तनाव के पहले मार्च-अप्रैल माह में भारत ने पड़ोसी देशों के विदेशी निवेशकों के लिए अपनी नीति में बदलाव किया था, जिसको लेकर चीनी निवेशक नाराज थे। दरअसल भारत ने फैसला लिया है कि वह अब चीन से आने वाले सभी निवेश की स्क्रीनिंग करेगी।
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