मुंबई की तरह तेलंगाना में भी ब्लैकआउट करना चाहते थे चीनी हैकर्स लेकिन हुए फेल, जानिए कैसे?
हैदराबाद: चीनी हैकर्स मुंबई की ही तरह तेलंगाना को भी ब्लैकआउट करने की फिराक में थे लेकिन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया के अलर्ट के कारण उनकी इस कोशिश पर पानी फिर गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीनी हैकर्स तेलंगाना की प्रमुख पावर यूटिलिटी टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको के पॉवर सिस्टम को हैक करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन CERT अलर्ट के कारण वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए और बुरी तरह से फेल हो गए।
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हैकर पावर सप्लाई को बाधित करना चाहते थे और यहां की स्पेशल डाटा को भी चुराना चाहते थे लेकिन रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया ने संबंधित लोगों को अलर्ट जारी किया, जिसके बाद टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको के आईपी एड्रेस को बदल दिया गया और अधिकारियों को अलर्ट करते हुए कहा कि वो पावर ग्रिड के यूजर डाटा को चेंज कर दें, जिसकी वजह से चीनी हैकर्स फेल हो गए।
मुंबई के ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स
आपको बता दें कि पिछले साल मुंबई में बिजली व्यवस्था कुछ वक्त के लिए पूरी तरह ठप हो गई थी, कई इलाकों में ब्लैकआउट हो गया था। जिसके पीछे की वजह खराब बिजली विफलता को बताई गई थी। लेकिन हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2020 में मुंबई में बिजली गुल होने का संबंध भारत और चीन के बीच लद्दाख में उस वक्त जारी सीमा तनाव था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई का ब्लैकआउट होने के पीछे चीन का साइबर क्राइम है। ये दावा अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है, जिसमें उसने कहा है कि लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच चीन अपने हैकर्स की मदद से भारत में ब्लैकआउट कराने की कोशिश में था और साइबर अटैक किया था। हालांकि चीन ने इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए सारे आरोपों से इंकार किया है।
अमेरिका ने दी ये प्रतिक्रिया
इस मामले में अमेरिका भी पैनी नजर रख रहा है। वरिष्ठ अमेरिकी सांसद फ्रेंक पैलोन ने जो बाइडेन शासन से कहा है, भारत की पॉवर ग्रिड पर चीन के साइबर हमले के विरोध में अमेरिका को भारत के साथ खड़ा होना चाहिए, हम इस तरह के हमले की कड़ी निंदा करते हैं।