चीन की सरकार ने डाला था NSA अजित डोवाल से वार्ता का जोर, गलवान घटना के बाद से थी बातचीत की गुजारिश
नई दिल्ली। रविवार को भारत और चीन के बीच स्पेशल रिप्रजेंटेटिव (एसआर) तंत्र के तहत वार्ता हुई। इसकी नतीजा सोमवार को देखने को मिला जब पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी और दूसरी जगहों से पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के पीछे हटने की खबरें आईं। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस वार्ता का प्रस्ताव दरअसल चीन की तरफ से रखा गया था। चीन गलवान घाटी के बाद से ही तनावपूर्ण हालातों को जल्द सुलझाना चाहता था। 15 जून को हुई इस घटना में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए तो वहीं कुछ चीनी सैनिकों की भी मौत हुई थी।
Recommended Video
यह भी पढ़ें-Pics: लद्दाख में चीन बॉर्डर पर भारत ने बनाया हैलीपैड, पुल
साल 2018 और 2019 में मिले राजनयिक
भारत की तरफ से कहा जा रहा है कि राजनयिक और मिलिट्री चैनल्स की मदद से हालातों से सामान्य करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसमें दोनों देशों के बीच बना वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसलटेशन एंड को-ऑर्डिनेशन ऑन इंडिया-चाइना बॉर्डर अॅफेयर्स (डब्लूएमसीसी) भी शामि हैं। लेकिन चीन की तरफ से एसआर स्तर की वार्ता पर जोर दिया जा रहा था ताकि किसी अर्थपूर्ण निष्कर्ष के जरिए हालातों पर सकारात्मक तौर पर आगे बढ़ा जा सके। इसके बाद चीन के स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री वांग वाई और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल के बीच एक मीटिंग तय की गई। डोवाल और वांग वाई के बीच रविवार को वीडियो कॉल हुई और दोनों ने दो घंटे तक हालातों पर चर्चा की। वांग और डोवाल साल 2018 और फिर साल 2019 में मिल चुके हैं। दिसंबर 2019 में दोनों की आखिरी बार मीटिंग हुई थी और दोनों ने तय किया था कि एक खुले माहौल में भारत-चीन के मुद्दों पर चर्चा होगी।
चीन ने ज्यादा जानकारी देने से किया इनकार
चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से हालांकि इस बात की कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है कि इस दिशा में पिछले छह दिनों में कितनी प्रगति हुई है। प्रवक्ता लिजियान ने कहा, 'भारत और चीन के बीच 30 जून को कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। दोनों पक्ष इस बात निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि पहले हुई मीटिंग्स में जो नतीजे निकले हैं, उन्हें लागू किया जाएगा।' लिजियान ने यह बात उस समय कही जब उनसे भारत की मीडिया में आ रहीं उन रिपोर्ट्स के बारे में पूछा गया जिसमें लद्दाख के कुछ हिस्सों से जवानों के पीछे हटने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के बीच फ्रंटलाइन ट्रूप्स को डिसइंगेज करने के लिए प्रभावी उपाय जारी हैं। दोनों देशों ने इस दिशा में प्रगति की है।' चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी इसकी पुष्टि की है। लिजियान ने कहा कि तीसरी कमांडर स्तर मीटिंग के बाद बॉर्डर पर स्थिति को सामान्य करने और टकराव को टालने के लिए जो उपाय तय किए गए है उसे आगे बढ़ाया जा रहा है।