भारत का चीन को करारा जवाब, BSNL में 4G अपग्रेड के लिए नहीं होगा चीनी उपकरणों का इस्तेमाल- सूत्र
नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच बुधवार को केंद्र सरकार ने चीन को सबक सिखाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने यह निर्णय किया है कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 4G इक्विपमेंट को अपग्रेड के लिए अब चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने बीएसएनएल से कहा है कि सुरक्षा कारणों के मद्दे नजर कंपनी के पुनर्वास पैकेज के हिस्से के रूप में समर्थित चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
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सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश दिया है कि अपनी किर्यान्वन में चीनी कंपनियों की उपयोगिता ना करे, साथ ही विभाग ने इस संबंध में टेंडर पर फिर से काम करने का फैसला किया है। मंत्रालय भी सक्रिय रूप से निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों से चीन-निर्मित उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों की नेटवर्क सुरक्षा पर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं। बता दें कि वर्तमान में चीनी कंपनी हुआवेई के साथ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियां काम कर रही हैं वहीं, बीएसएनएल वर्तमान नेटवर्क में चीनी ZTE के साथ काम कर रहा है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भारत और चीन की सेनाओं के बीच सोमवार रात हुई हिंसक झड़पों के बाद यह कदम उठाया है। बता दें कि इस झड़प में लद्दाख की गलवन घाटी में कम से कम 20 भारतीय सैनिक मारे गए। 1967 में नाथू ला में हुए संघर्ष के बाद यह सबसे बड़ा टकराव था। 1967 के संघर्ष में लगभग 80 भारतीय सेना के जवान शहीद हुए थे जबकि 300 से अधिक चीनी सेना के जवान मारे गए थे। भारत के पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो, गलवन घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में चीनी सैनिकों के गतिरोध ने सीमा पर तनाव को बढ़ाया है। चीनी की इस हरकत के बादसीएआईटी जैसे प्रदर्शनकारियों और व्यापार निकायों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है।
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