चीन के रक्षामंत्री का भारत दौरा- डोकलाम और सीमा पर विवादों से निपटने की कोशिश करेंगे दोनों देश
नई दिल्ली। भारत और चीन एक बार फिर से द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता करने जा रहे हैं, जिसमें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से लेकर लंबे समय से अधर में पड़ी टॉप कमांडर के बीच हॉटलाइन सेवा पर विस्तार से चर्चा होगी। नई दिल्ली में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली वार्ता में एक साल पहले पैदा हुए डोकलाम विवाद से लेकर वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास जैसे मुद्दे शामिल होंगे। लेफ्टिनेंट वेई फेंगे, चीन के रक्षामंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली नई दिल्ली पहुंचे हैं।
फेंगे के भारत पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति को बनाये रखने के लिए दोनों ही देश परिपक्वता के साथ अस्थिरताओं को संभालते हुए विवादों को पैदा नहीं करने दे रहे हैं। भारत और चीन के रिश्तों को 'दुनिया में स्थिरता का एक कारक' पीएम मोदी ने डिफेंस और मिलिट्री एक्सचेंज समेत दोनों देशों के उच्च स्तरीय संबंधों की तारीफ की।
फेंगे अपनी 24 सदस्यीय टीम के साथ भारत पहुंचे है, जिनकी पहली उच्चस्तरीय मीटिंग गुरुवार को भारत की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के साथ शुरु होगी। इस मीटिंग में सीमा पर दोनों ही देशों के बीच शांति स्थापित करने, दोनों सेनाओं के बीच हॉटलाइन सेवा, वार्षिक सैन्य अभ्यास, एलएसी पर विवादों पर निपटने जैसे कई तमाम मुद्दों को शामिल किया जाएगा।
वहीं, थलसेना का कहना है कि हॉटलाइन इसके डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) और उसके चीनी समकक्ष पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच होनी चाहिए। वहीं, बीजिंग का प्रस्ताव है कि उसके चेंगदु स्थित पश्चिमी थियेटर कमान के उप कमांडर भारतीय डीजीएमओ से बातचीत करेंगे। थल सेना चीन के इस प्रस्ताव के खिलाफ है और उसने इस बात पर जोर दिया है कि पीएलए मुख्यालय में भारतीय डीजीएमओ के समान स्तर के एक अधिकारी को हॉटलाइन के जरिए संचार करने के वास्ते नियुक्त किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: चीन से ज्यादा भारतीय सैनिक डोकलाम में हैं तैनात: विदेश सचिव