लद्दाख की घटना के बीच चीन के नागरिकों की हो गई पाकिस्तानी-बांग्लादेशियों जैसी हैसियत
नई दिल्ली- लद्दाख में जिस वक्त भारत और चीन के बीच में लगातार युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं, भारत ने चीन के नागरिकों के लिए अपने वीजा नियमों को कुछ इस तरह से कठोर कर दिया है कि उनकी भारत में हैसियत पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अफगानिस्तानियों की तरह हो गई है। हालांकि, गृहमंत्रालय की ओर से चीन के नागरिकों के लिए जारी नई वीजा गाइडलाइंस का सीधे तौर पर दोनों देशों के तनाव से कुछ भी लेना-देना नहीं है, लेकिन जिस वक्त में यह सख्ती की गई है,वह मौजूदा हालातों की वजह से बहुत ज्यादा मायने रखता है।
चीनियों की हुई पाकिस्तानी-बांग्लादेशियों जैसी हैसियत
भारत ने चीन के नागरिकों के लिए अपने वीजा नियमों को कुछ ज्यादा ही सख्त किया है। इस फैसले ने चीन के नागरिकों को बांग्लादेशी, अफगानिस्तानी और पाकिस्तानी नागरिकों की श्रेणी में ला दिया है। गृहमंत्रालय ने बिजनेस वीजा के लिए एक ताजा गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें 'चीन के नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान' शामिल किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक नए नियमों के तहत कुछ मामलों में उन्हें फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) को भी सूचना देनी पड़ेगी। हालांकि, वीजा नियमों में बड़े बदलाव के लिए नई गाइडलाइंस जारी करने की वजह कोविड-19 को लेकर जारी यात्रा पाबंदियां बताई गई हैं। नई गाइडलाइंस पिछले महीने ही जारी की गई हैं, जिसकी जानकारी अब सामने आई है।
चीन के नागरिकों के लिए सख्त हुए वीजा नियम
नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद चीन भारत की ओर से उन 33 देशों की लिस्ट में शामल हो गया है, जिनके नागरिकों को 5 साल तक डिफॉल्ट ऑप्शन की तरह बार-बार आने के लिए टूरिस्ट वीजा नहीं दिया जाता। इन देशों में ईरान, तुर्की, सऊदी अरब, सूडान और अफगानिस्तान समेत दूसरे देशों के नागरिक शामिल हैं। मल्टीपल टूरिस्ट वीजा के लिए जारी निर्देशों के मुताबिक, 'बांग्लादेश और चीन के लिए द्विपक्षीय समझौतों में जो प्रावधान मौजूद हैं या समय-समय पर जो नीतिगत गाइडलाइंस जारी की गई हैं, वो लागू होंगे।........अफगानिस्तान, चीन, इराक, सूडान के नागरिकों, पाकिस्तानी मूल के विदेशियों और स्टेटलेस पर्सन के मामलों में भारत की यात्रा पर आने के लिए टूरिस्ट वीजा के लिए कम से कम दो महीनों का अंतर होना होगा। '
कुछ मामलों में एफआरआरओ में रजिस्टर करवाना जरूरी
गृहमंत्रालय के 72 पेज की गाइडलाइंस में एम्पलॉयमेंट, मेडिकल, रिसर्च और स्टूडेंट वीजा के लिए भी मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत सभी चाइनीज बिजनेस वीजा धारक अगर एक कैलेंडर साल में 180 दिन से ज्यादा रुकते हैं तो उन्हें एफआरआरओ के पास खुद को रजिस्टर करवाना होगा। एफआरआरओ को यह अधिकार दिया गया है कि वह केस टू केस बेसिस पर चीनी नागरिकों का बिजनेस वीजा बढ़ा दे। नई गाइडलाइंस के तहत अब चीनी नागरिकों को तीन श्रेणियों में बिजनेस वीजा दिया जा सकता है।
अब तीन श्रेणी में दिए जाएंगे बिजनेस वीजा
नई गाइडलाइं में चीन के नागरिकों के लिए यह प्रावधान लागू किया गया है कि अगर वो भारत के किसी मान्यताप्राप्त संस्था से प्रत्येक यात्रा पर 90 दिन से कम भारत में ठहरने की आमंत्रण की चिट्ठी दिखाएं तो विदेशों में मौजूद इंडियन मिशन उन्हें 6 महीने के लिए बार-बार आने के लिए बी-वीजा की सिफारिश कर सकता है। दूसरी श्रेणी में 60 दिनों के लिए सिंगल एंट्री वीजा उन चीनियों को दिया जा सकता है, जिनके पास भारतीय मान्यता प्राप्त संस्था की चिट्ठी नहीं है, लेकिन उनके पास किसी मान्यताप्रात चीनी संस्था से निवेदन की आधिकारिक चिट्ठी हो। तीसरी श्रेणी में कम समय के लिए सिंगल एंट्री वीजा देने का प्रावधान है। यह बी-वीजा 60 दिन से ज्यादा का नहीं होगा और उन चीनी नागरिकों को दिया जा सकता है, जो कोई दस्तावेजी सबूत नहीं दिखा सकते और विदशों में भारतीय मिशन ने मंजूरी दी हो। (तस्वीरें-सांकेतिक)