क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

चीनी ऐप बैनः मोबाइल ऐप्स से कैसे होता है सुरक्षा को ख़तरा?

चीनी ऐप्स पर पाबंदी के फ़ैसले की मुख्य वजह सुरक्षा के ख़तरे को बताया जा रहा है. पर मोबाइल ऐप्स से सुरक्षा को ख़तरा कैसे हो सकता है?

By सलमान रावी
Google Oneindia News
मोबाइल एप
iStock
मोबाइल एप

आपने अपने मोबाइल फ़ोन पर टॉर्च का ऐप ही क्यों न इन्स्टॉल कर रखा हो, उसके ज़रिये आपके फ़ोन में मौजूद तमाम जानकारियां उस ऐप के दूसरे देश में स्थित सर्वर में चली जाएंगी. जानकारों का मानना है कि ऐसा किसी भी ऐप से हो सकता है.

भारत सरकार ने 59 ऐसे ऐप्स पर पाबंदी लगा दी है जिन्हें चीन से संचालित किया जा रहा था. सरकार का कहना है कि ये ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं.

इस बारे में गृह मंत्रालय के अधीन इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी. इससे पहले भी ये विभाग विभिन्न एप को लेकर समय समय पर सरकार को सचेत करता आया है.

संसद में भी विभिन्न दलों के सदस्यों ने सरकार का ध्यान कई बार इस तरफ आकर्षित किया और कहा कि अगर सरकार इसपर कार्रवाई नहीं करती और अगर ऐसे ऐप पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता हो सकता है.

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के अनुसार कई दलों के सदस्य जैसे शशि थरूर, बीजू जनता दल के पिनाकी मिस्र और भाजपा के तेजस्वी सूर्या जैसे सदस्य इस मुद्दे को रह रहकर सदन में उठाते रहे हैं.

मोबाइल एप
Getty Images
मोबाइल एप

वहीं सरकार का भी कहना है कि गृह मंत्रालय को कई प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें ऐप के इस्तेमाल के दौरान लोगों की निजता के साथ समझौता या फिर डाटा की चोरी जैसे मामले शामिल हैं.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि वो भी इस मामले को कई बार सदन में उठा चुके हैं कि किस तरह चीन भारतीय उपभोक्ताओं का सारा डाटा चुरा रहा है और उससे मुनाफ़ा भी कर रहा है.

उनका कहना है कि वो गृह मंत्रालय से अनुरोध करेंगे कि इस बारे में संसद की सूचना तकनीक से संबंधित स्टैंडिंग कमिटी को वो विस्तृत जानकारी दें. साथ ही यह भी बताया जाए कि कौन से ऐसे ऐप हैं जिनका इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है.

मुक्तेश चंदर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त हैं और साइबर क्राइम के विशेषज्ञ भी हैं. बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि भले ही ऐप सिर्फ बातचीत के लिए बनाया गया हो लेकिन वो फ़ोन में मौजूद सभी जानकारियां अपने उस सर्वर को भेजता रहेगा जिस देश में उसे संचालित किया जाता है.

सवाल उठता है कि दस्तावेजों को स्कैन करने वाला ऐप आख़िर खतरा कैसे हो सकता है ? इसपर वो कहते हैं कि अगर कोई अपनी छुट्टी की अर्ज़ी या बच्चों के किताबों के पन्नों को स्कैन करता है तो उसकी एक प्रति सर्वर में अपने आप चली जाती है.

मुक्तेश चंदर कहते हैं कि इससे कोई ख़तरा भले न हो लेकिन जैसे ही कोई सरकारी दस्तावेज़ को स्कैन करता है - मिसाल के तौर पर वित्त मंत्रालय का कोई दस्तावेज़ जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष में देश किन चीज़ों पर ज्यादा ज़ोर देगा - ये दस्तावेज़ जैसे ही स्कैन करने वाले एप पर स्कैन होता है तो उसकी एक प्रति उस देश तक भी चली जाती है जहां इसका सर्वर है. वो कहते हैं कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.

मोबाइल एप
Getty Images
मोबाइल एप

वो ये भी कहते हैं कि कई ऐप्स ऐसे भी हैं जो ये बता सकते हैं कि आपने अपने कीपैड पर क्या टाइप किया है. भले ही उस वक़्त आप किसी और वेबसाइट या ऐप पर काम कर रहे हों. इसी वजह से बैंकों के पासवर्ड और दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा हो सकती हैं.

एक अन्य साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञ रक्षित टंडन इंटरनेट मोबाइल असोसिएशन ऑफ़ इंडिया के साइबर मामलों के सलाहकार भी हैं, वो कहते हैं कि पिछले साल अगस्त माह में मद्रास उच्च न्यायालय ने टिक टॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस ऐप पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप लगे थे.

वो कहते हैं कि डेटा माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक बड़ा व्यापार हैं जो ऐप और वेबसाइट के माध्यम से चलते हैं. ये व्यापार लोगों से सम्बंधित निजी सूचनाओं को बेचने वाला व्यापार है.

टंडन कहते हैं कि आप अपने मोबाइल फ़ोन से अगर हर सोमवार को दवा मंगवाते हैं, या हर शुक्रवार को बाहर से ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं या और घर के रोज़मर्रा का सामान मंगवाते हैं, तो इस जानकारी की प्रोफ़ाइलिंग होती है.

रक्षित टंडन कहते हैं,"अब आपके मोबाइल पर हो रहे इस तरह के काम किसी से छुपे नहीं हैं. अब ये जानकारी बेची जाती हैं और आप देखेंगे कि सोमवार को ही दवा कंपनियों के मेसेज आपके पास आने लगेंगे जो आपको भारी डिस्काउंट का लोभ दे रहे होंगे. उसी तरह शुक्रवार को आपके पास ऑनलाइन खाने की डिलीवरी करने वाले ऑफ़र आएंगे. ये सूचनाओं का बाज़ार है. इसकी क़ीमत भी है और अच्छी खासी क़ीमत है."

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत ही ऐसा देश है जहां किसी देश के ऐप पर प्रतिबंध लगा हो. चीन भी ऐसा ही करता है. सभी देश, ख़ास तौर पर विकसित या फिर विकासशील देश अपनी सूचनाएं बचाने के लिए कई ऐप पर प्रतिबंध लगा रहे हैं.

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा ही किया जब उसकी सेना ने चीन से संचालित होने वाले वी-चैट ऐप पर प्रतिबंध लगाया.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Chinese App Ban: How do mobile apps threaten security?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X