चीन LAC पर अब नहीं कर सकेगा गदर, जानिए चीनी हरकतों पर भारतीय सेना कैसे रख रही है नज़र?
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद हुई झड़प के बाद भले ही चीन की सेनाएं एक से डेढ़ किलोमीटर पीछे हट गई हैं, लेकिन चीन की नापक हरकतों के इतिहास से सबक लेते हुए भारत ने भारत ने एलएसी पर चीनी सेना की नापाक हरकतों से निपटने और उनकी निगरानी के लिए काफी अत्याधुनित मिसाइल, तोप, हेलिकॉप्टर और एअरक्रॉफ्ट मुस्तैद किए गए है।
Indian Army को मिला 'भारत' ड्रोन, घने जंगलों, लद्दाख की पहाड़ी में भी तलाश सकता है दुश्मन
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LAC पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती
इसकी बानगी पूर्वी लद्दाख में चीनी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर की गतिविधियों का सामना करने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनात की गई है, जो पलक झपकते ही चीनी हेलिकॉप्टर्स, एअरक्रॉफ्ट और ड्रोन को उड़ा सकते हैं, लेकिन डीआरडीओ द्वारा विकसित भारत नामक निगरानी ड्रोन सीमा पर हलचल पर नजर रखने के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकता है।
LAC की निगरानी करेगा स्वदेशी तकनीक से विकसित 'भारत' ड्रोन
अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से विकसित भारत ड्रोन अंधेरे में भी सीमा की निगरानी करने में सक्षम है। इसके अलावा यह घने जंगलों में छिपे दुश्मनों का भी पता लगा सकता है। वहीं, यह वास्तविक वीडियो भेजकर दुश्मनों की गतिविधि की जानकारी दे सकता है। इस ड्रोन को इस तरह विकसित किया गया है कि इसे किसी भी राडार पर नहीं देखा जा सकता है।
यह स्वदेशी निगरानी ड्रोन को एलएसी पर भारतीय सेना तैनात करेगी
डीआरडीओ द्वारा विकसित यह स्वदेशी निगरानी ड्रोन को भारतीय सेना सीमा पर तैनात करेगी, जो अत्यधिक ठंडे मौसम में भी निगरानी करने में सक्षम है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की चंडीगढ़ स्थित लैब में विकसित यह ड्रोन लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पर्वतीय इलाकों में सटीक निगरानी करने के लिए से विकसित किया गया है।
पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सटीक निगरानी के लिए ड्रोन की आवश्यकता है
दरअसल, भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चल रहे विवाद में सटीक निगरानी के लिए ड्रोन की आवश्यकता है और इस आवश्यकता के लिए उसने भारतीय सेना को भारत ड्रोन का निर्माण किया है। इस ड्रोन को निगरानी के लिए विश्व के सबसे चुस्त और हल्के ड्रोन के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है। पूरी तरह स्वदेशी भारत ड्रोन अभी तक का सबसे छोटा और हल्का ड्रोन है, जो बड़ी सटीकता के साथ किसी भी स्थान पर स्वायत्तता से काम कर सकता है।
भारत ड्रोन वीडियो भेजकर दुश्मनों की गतिविधि की जानकारी दे सकता है
उन्नत रिलीज तकनीक के साथ यूनीबॉडी बायोमिमेटिक डिजाइन निगरानी वाला भारत ड्रोन ऐसे मिशन के लिए एक घातक कॉम्बिनेशन है। इस ड्रोन को अत्यधिक ठंडे मौसम में भी क्रियाशील रहने के लायक बनाया गया है, जिसे और भी प्रतिकूल मौसमों के लिए भी विकसित किया जा रहा है। यह वास्तविक वीडियो भेजकर दुश्मनों की गतिविधि की जानकारी दे सकता है।
दोस्तों और दुश्मनों का पता लगाकर उचित प्रतिक्रिया देता है भारत ड्रोन
दिलचस्प बात यह है कि भारत ड्रोन आर्टिफिशियल इंटलीजेंस से लैस है, जो दोस्तों और दुश्मनों का पता लगाकर जरूरत मुताबिक प्रतिक्रिया देता है। यानी यह ड्रोन दोस्त और दुश्मनों को पहचानने की क्षमता भी रखता है। यह ड्रोन पूरे निगरानी मिशन के दौरान रात में भी देख पाने में सक्षम है। इसके अलावा घने जंगलों में छिपे दुश्मनों का भी पता लगा सकता है।
चीनी विमानों को पलक झपकते ध्वस्त करने में सक्षम है आकाश मिसाइल
पूर्वी लद्दाख में तैनात सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली में आकाश मिसाइल शामिल है, जो किसी भी गुस्ताखी पर चीनी विमानों को पलक झपकते ध्वस्त करने में सक्षम है। इसके साथ ही सीमा पर बड़े पैमाने पर सैनिक साजोसामान पहुंचाया जा रहा है।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की तीन डिवीजन वहां और बढ़ा दी गई
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाली जगह पर भारतीय सेना की तीन डिवीजन वहां और बढ़ा दी गई हैं। यह सारी तैयारी टकराव की नौबत आने पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए की जा रही है। सरकारी सूत्र के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में सेना और वायुसेना दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए गए हैं।
चीन ने सुखोई-30 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हासिल किए हैं
चीन ने सुखोई-30 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हासिल किए हैं, जिन्हें और दूसरे बमवर्षक विमानों को चीन ने फिलहाल सीमा से कहीं पीछे तैनात कर रखा हैं, लेकिन अक्सर ये एलएसी पर मंडराते देखे गए हैं, जिन्हें आकाश मिसाइल कुछ ही सेकेंड में तबाह कर सकता है।
भारत को बहुत जल्द एक बहुत बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है
भारत को एक मित्र देश से बहुत जल्द एक बहुत बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम मिलने वाला है। मिलते ही उसे तैनात किया जाएगा जिसके बाद भारत की क्षमता और बढ़ जाएगी।
पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले क्षेत्रों पर मंडरातें हैं चीनी हेलीकॉप्टर
चीनी हेलिकॉप्टर एलएसी के सभी टकराव वाले बिंदुओं पर चीन के हेलीकॉप्टर मंडराते रहते हैं। इनमें दौलत बेग ओल्डी, गलवन घाटी का पैट्रोलिंग प्वाइंट 14, पैट्रोलिंग प्वाइंट 15, पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 और पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 ए शामिल हैं।